चकराता वन प्रभाग की डीएफओ कल्याणी नेगी की ओर से वन मुख्यालय को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें बताया गया है कि कनासर रेंज में अवैध रूप से पेड़ काटने का काला कारोबार कोविडकाल के दौरान शुरू हुआ।
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जिनके क्षेत्र में कटे पेड़, उन्हीं को दे दी जांच! जी हां, चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज में अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की जांच भी प्रभाग के ही अधिकारी कर रहे हैं। जबकि इस मामले में वन अधिकारी-कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद निलंबन तक की कार्रवाई हो चुकी है।
ऐसे में जांच दूसरे प्रभाग के अधिकारियों से नहीं कराने पर वन विभाग की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, चकराता वन प्रभाग की डीएफओ कल्याणी नेगी की ओर से वन मुख्यालय को जो रिपोर्ट सौंपी गई है, उसमें बताया गया है कि कनासर रेंज में अवैध रूप से पेड़ काटने का काला कारोबार कोविडकाल के दौरान शुरू हुआ।
ऐसे में स्पष्ट है कि इस मामले में उनकी जिम्मेदारी के साथ पूर्व में यहां तैनात रहे अधिकारी भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन यहां खुद डीएफओ की ओर से उप वन प्रभागीय अधिकारी मुकुल कुमार को सौंपी गई है, जो यहां एक साल से तैनात हैं।