वर्ष 2015 में राजाजी नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व बनने के बाद वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन बनाना जरूरी है। इसकी कवायद टाइगर रिजर्व बनने के बाद से शुरू हो गई थी, लेकिन तकनीकी कारणों से मुकाम पर नहीं पहुंच पाया।
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कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की तर्ज पर शीघ्र ही राजाजी टाइगर रिजर्व में कंजर्वेशन फाउंडेशन अस्तित्व में आ जाएगा। वन विभाग के प्रस्ताव पर शासन ने इसकी कवायद पूरी कर ली है। संभवतया अगली कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लग जाए।
फाउंडेशन बनने से टाइगर सफारी और अन्य पर्यटन गतिविधियों से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा बाघ संरक्षण और दूसरी सामाजिक गतिविधियों में खर्च किया जा सकेगा। वर्ष 2015 में राजाजी नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व बनने के बाद वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन बनाना जरूरी है। इसकी कवायद टाइगर रिजर्व बनने के बाद से शुरू हो गई थी, लेकिन तकनीकी कारणों से मुकाम पर नहीं पहुंच पाया।
मंजूरी के लिए अब मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाना शेष
बीते दिनों प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु की ओर से फाउंडेशन से संबंधित औपचारिकताओं को पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। शासन के सूत्रों की माने तो प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसे मंजूरी के लिए अब मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाना शेष है।
फाउंडेशन के तहत शासी निकाय का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष वन मंत्री होंगे। इसके अलावा प्रमुख सचिव वन उपाध्यक्ष, जबकि प्रमुख वन संरक्षक, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक और अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख या उनकी ओर से नामित अधिकारी इसके सदस्य होंगे। इसके अलावा टाइगर रिजर्व के निदेशक की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा, जो फाउंडेशन के तहत होने वाले कामों पर चर्चा के बाद शासी निकाय को भेजेगी।