पटवारी वैभव प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया, 19 सितंबर को रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने उसे फोन कर अंकिता के गुम होने और गुमशुदगी दर्ज कराने की बात कही थी।
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अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी की अदालत में शुक्रवार को अंकिता हत्याकांड के दो गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। इनमें एक गंगा भोगपुर तल्ला क्षेत्र के पटवारी वैभव प्रताप सिंह और दूसरे घटना के दिन रिजॉर्ट में ठहरे गुरुग्राम के पर्यटक मयंक अरोड़ा थे।
पर्यटक ने बताया कि 17 व 18 सितंबर को अंकिता भंडारी रिजॉर्ट में ही थी, लेकिन अगले दिन वह नहीं दिखी। उधर, पटवारी वैभव प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया, 19 सितंबर को रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने उसे फोन कर अंकिता के गुम होने और गुमशुदगी दर्ज कराने की बात कही थी।
विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बताया, पटवारी वैभव प्रताप सिंह ने कोर्ट को बताया कि 19 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य का उन्हें फोन आया था। उसने रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की गुमशुदगी दर्ज कराने की बात कहते हुए उसे गंगा भोगपुर के प्रधान के दफ्तर में बुलाया था।