Adi Kailash Yatra 2023: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार का प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने पर फोकस है। आदि कैलाश समुद्रतल से 5945 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति है। वेद पुराणों में आदि कैलाश भगवान शिव का सबसे प्राचीन निवास स्थल के रूप में प्रचलित है।
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पिथौरागढ़ जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल आदि कैलाश की यात्रा के लिए हेली सेवा की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए पर्यटन विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की अनुमति मिलने के बाद आदि कैलाश की यात्रा आसान होगी।
अभी तक आदि कैलाश की पैदल यात्रा में कई दिनों का समय लगता है। साथ ही यात्रा काफी कठिन होती है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार का प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू करने पर फोकस है।
आदि कैलाश समुद्रतल से 5945 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति है। वेद पुराणों में आदि कैलाश भगवान शिव का सबसे प्राचीन निवास स्थल के रूप में प्रचलित है। इसे कैलाश मानसरोवर की प्रतिकृति माना जाता है। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से आदि कैलाश की यात्रा शुरू होती है। धारचूला से तवाघाट, पांगू, नारायण आश्रम, गाला, बूंदी, गर्ब्यांग, गुंजी, कुटी गांव होते हुए अंतिम पड़ाव ज्योलिकांग है। नाभीढांग से ओम पर्वत के दर्शन होते हैं।