वैसे इनके पूरे माह जारी रहने से रोज ही उल्कापात देखा जा सकेगा। इस माह आकाश में क्षुद्रग्रह, बौने ग्रह और अन्य ग्रह भी देखे जा सकेंगे। साथ ही इस माह सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण भी लगेंगे।
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ठीक दो दिन बाद शुरू हो रहे अक्तूबर माह की रातें इस बार दुर्लभ और शानदार होंगी। पूरे महीने सात उल्कापात होंगे जो अपने चरम तक पहुंचेंगे। वैसे इनके पूरे माह जारी रहने से रोज ही उल्कापात देखा जा सकेगा। इस माह आकाश में क्षुद्रग्रह, बौने ग्रह और अन्य ग्रह भी देखे जा सकेंगे। साथ ही इस माह सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण भी लगेंगे।
इस महीने लगभग हर दिन कोई न कोई आकर्षक आकाशीय घटना घटित होगी और लगभग हर रात उल्का पात से टूटते तारों की बारिश देखी जा सकेगी। कह सकते हैं कि इस माह दशहरा एक दिन, लेकिन दिवाली हर रात होगी। दो अक्तूबर को एंड्रोमेडा आकाशगंगा आधी रात के आसपास आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर पहुंचेगी। पांच अक्तूबर की रात छोटे मैगेलैनिक बादल (एसएमसी) देखे जा सकते हैं।
इस रात एंड्रोमेडा बौनी आकाशगंगा देखने का अवसर है जो हमारी आकाशगंगा के करीब है। पांच की ही रात को कैमलोपार्डालिड्स उल्कापात भी अपने चरम पर होगा। नौ को ड्रेकोनिड उल्का बौछार चरम पर होगी। 10 की रात दक्षिणी टॉरिड्स उल्कापात को देखने के लिए सबसे अच्छी होगी। 11 की रात को ऑरिगिड उल्कापात चरम पर पहुंचेगा।
14 की सुबह सूर्य ग्रहण लगेगा हालांकि यह भारत से नजर नहीं आएगा। 15 को सर्पिल त्रिकोणीय आकाशगंगा भी अपने उच्चतम बिंदु पर स्पष्ट नजर जाएगी। विशाल बौना ग्रह एरिस 18 की रात के आकाश में चमकीला दिखाई देगा, लेकिन इस के लिए दूरबीन की आवश्यकता होगी। 18 की रात जेमिनिड उल्कापात भी चरम पर होगा।
चांद से दोस्ती निभाते नजर आएंगे गुरु, शनि और शुक्र
एक अक्तूबर को चंद्रमा और बृहस्पति बेहद नजदीक दिखाई देंगे। 10 को चंद्रमा और शुक्र साढ़े पांच डिग्री की दूरी पर वर्षभर में सर्वाधिक निकट नजर आएंगे। 20 की सुबह पूर्वी क्षितिज के ऊपर शुक्र वर्षभर में सर्वाधिक चमकीला नजर आएगा। 24 को चंद्रमा और शनि केवल दो डिग्री की दूरी पर सर्वाधिक का निकटता पर दिखाई देंगे। 29 को सुबह चंद्रमा और बृहस्पति केवल ढाई डिग्री की दूरी पर सर्वाधिक नजदीक दिखाई देंगे।