उत्तराखंड: पाठशाला का सच…सैन्य बहुल प्रदेश में ही नहीं खुला बेटियों के लिए देश का पहला सैनिक स्कूल

उत्तराखंड

सार

प्रदेश सरकार की ओर से राज्य में बेटियों के लिए देश का पहला सैनिक स्कूल खोलने की तैयारी थी। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने एक जुलाई 2022

को सचिव विद्यालयी शिक्षा को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिए थे।

विस्तार

सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड में बेटियों के लिए देश का पहला सैनिक स्कूल नहीं खुल पाया है। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने शासन को इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन शिक्षा मंत्री के निर्देश के एक साल बाद भी प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ।

यह हाल तब है, जब सरकार, राज्य की बेटियों को सेना सहित हर क्षेत्र में आगे आने का अवसर देने का दावा कर रही है। प्रदेश सरकार की ओर से राज्य में बेटियों के लिए देश का पहला सैनिक स्कूल खोलने की तैयारी थी। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने एक जुलाई 2022 को सचिव विद्यालयी शिक्षा को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिए थे।

मंत्री के निर्देश के बाद 11 जुलाई 2022 को शासन ने शिक्षा महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को पत्र लिखकर राज्य में बालिका सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए सुस्पष्ट प्रस्ताव मांगा था। शासन ने शिक्षा महानिदेशक को दिए निर्देश में कहा कि प्रस्ताव को जल्द तैयार कर भेजा जाए, ताकि समय पर इसे केंद्र सरकार को भेजा जा सके, लेकिन शिक्षा मंत्री और शासन के आदेश के एक साल बाद भी शिक्षा महानिदेशालय से शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला।

वहीं, शिक्षा महानिदेशालय से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की दूरी मुश्किल से पांच सौ मीटर है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के मुताबिक, शासन ने विभाग से सैनिक स्कूल के लिए प्रस्ताव मांगा था, लेकिन बालिका सैनिक स्कूल के लिए अब तक कोई प्रस्ताव नहीं मांगा गया। उधर, शासन के अधिकारियों का कहना है कि विभाग अब तक इसका प्रस्ताव तैयार नहीं कर पाया है। 

केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री तक पहुंचा था मामला
राज्य में देश के पहले बालिका सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए राज्यकर विभाग से सेवानिवृत्त ज्वाइंट कमिश्नर एसपी नौटियाल के अनुरोध पर दो अगस्त 2022 को राजभवन ने भी केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री को पत्र लिखा था। राजभवन ने केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि मामले में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए।

बेटियां हर क्षेत्र में बराबरी की ओर बढ़ रही हैं, इसके बावजूद सेना में बेटियां अफसर चार प्रतिशत से कम हैं। यदि देश का पहला बालिका सैनिक स्कूल उत्तराखंड में खुलता तो बेटियों की सेना में भागीदारी बढ़ती।
– एसपी नौटियाल, पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर

बालिका सैनिक स्कूल के लिए शासन ने निदेशालय से कोई प्रस्ताव मांगा, यह मेरी जानकारी में नहीं है। इस संबंध में शासन का कोई आदेश होगा तो उस पर अमल किया जाएगा।
-सीमा जौनसारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक