हरिद्वार: पांच हजार लावारिस अस्थियों को मिली गंगा की गोद, सदविचार परिवार ने सती घाट पर किया विसर्जन

उत्तराखंड
सार

प्रो. बीना बुदकी प्रतिवर्ष जम्मू कश्मीर, मुंबई और अहमदाबाद से अस्थियों को लेकर यहां प्रवाहित करने के लिए आती हैं।

देश के कई राज्यों से लावारिस लोगों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर मोक्ष दिलाने की मुहिम में जुटी संस्था हिंदी कश्मीरी संगम मुंबई और अहमदाबाद के सदविचार परिवार ने इस साल भी पांच हजार लोगों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। कनखल स्थित सतीघाट पर विधि-विधान के साथ कर्मकांड संपन्न कर अस्थियों को प्रवाहित किया गया।

बता दें कि प्रो. बीना बुदकी प्रतिवर्ष जम्मू कश्मीर, मुंबई और अहमदाबाद से अस्थियों को लेकर यहां प्रवाहित करने के लिए आती हैं। हरिद्वार में धर्म यात्रा महासंघ के डॉ. उपेंद्र, डॉ. काला, जानकीनाथ, रविन्द्र गोयल, सुनीता शुक्ला, यशपाल, सुषमा मिश्रा, कमलेश्वर मिश्रा ने इस वर्ष अपना सहयोग प्रदान किया। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पूजा माई ने भी संस्थाओं को प्रोत्साहित किया।

प्रो. बीना बुदकी ने बताया कि युवा पीढ़ी भी मानव जीवन के संस्कार को समझे, संस्था इस दिशा में भी प्रयास कर रही है। पितृ दोष से मुक्त होने की प्रक्रिया और मानव जीवन को मोक्ष प्रदान करने की परंपरा को सनातन संस्कृति में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका निर्वहन होते रहना चाहिए। यही संस्था का उद्देश्य है। अगर सनातन धर्म के सभी हिंदू परिवार के लोग अपने बड़े बुजुर्गों का सही समय पर श्राद्ध करते रहेंगे तो कोई भी आत्मा नहीं भटकेगी। इस वर्ष वह कश्मीर में शरणार्थी कश्मीरी बच्चों का यज्ञोपवित खीरभावनी में करवा रही हैं।