उत्तराखंड: पाठशाला का सच…केवि के लिए जमीन नहीं, निजी संस्थानों को पहाड़ में पट्टे लीज पर देने की तैयारी

उत्तराखंड
सार

बैठक में शिक्षण संस्थान पहाड़ में स्कूल खोलने के लिए किस तरह की सुविधा चाहते हैं। इस पर उनकी राय ली जाएगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली ने राज्य सरकार को केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए तय मानक के अनुसार भूमि उपलब्ध कराने के लिए कहा था।

प्रदेश के हर ब्लॉक में केंद्रीय विद्यालयों के लिए सरकार और जिला प्रशासन को जमीन ढूंढे नहीं मिल रही। इसके लिए अधिकतर जिलों ने या तो प्रस्ताव नहीं भेजे या फिर मानक के अनुसार जमीन की व्यवस्था नहीं की, जबकि निजी शिक्षण संस्थानों को पहाड़ में पट्टे लीज पर देने की तैयारी है।

इस संबंध में आज समग्र शिक्षा कार्यालय में निजी स्कूल संचालकों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में शिक्षण संस्थान पहाड़ में स्कूल खोलने के लिए किस तरह की सुविधा चाहते हैं। इस पर उनकी राय ली जाएगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन नई दिल्ली ने राज्य सरकार को केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए तय मानक के अनुसार भूमि उपलब्ध कराने के लिए कहा था।

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा था कि सरकार एक रुपये की दर से 99 साल के पट्टे पर या मुफ्त भूमि उपलब्ध कराए। इसके अलावा स्थायी भवन बनने तक 15 कमरों के अस्थायी भवन की व्यवस्था कराई जाए, लेकिन जनपदों को जमीन ढूंढे नहीं मिली। यह हाल तब है, जबकि राज्य में हजारों बीघा जमीन और सरकारी भवनों पर अवैध कब्जे हैं।

वहीं, निजी शिक्षण संस्थानों को पट्टे लीज पर देकर सरकार पहाड़ चढ़ाने के लिए रास्ता तलाश रही है। इस संबंध में शुक्रवार को समग्र शिक्षा कार्यालय में निजी शिक्षण संचालकों की बैठक बुलाई गई है। शासन की ओर से निजी शिक्षण संस्थानों को भेजे गए पत्र में कहा गया कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना के लिए सरकार निजी संस्थानों को सहयोग देना चाहती है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, बैठक में निजी शिक्षण संस्थानों को पट्टे लीज पर देने, स्कूल खोलने में छूट देने और सिंगल विंडो सिस्टम आदि के संबंध में चर्चा की जाएगी। 

शिक्षा मंत्री ने दिया था आश्वासन
शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने 19 अप्रैल 2022 को निजी शिक्षण संचालकों के साथ हुई बैठक में निजी स्कूलों को पहाड़ में खोलने पर सुविधाएं देने का आश्वासन दिया था। बैठक में बताया गया था कि स्कूलों के लिए जमीन, बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधा के लिए सहयोग किया जाएगा।

केंद्रीय विद्यालयों के लिए भेजे आधे अधूरे प्रस्ताव
प्रदेश में पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार, थलीसैंण, भरसार, पाबौ ब्लॉक के मिलाई, देहरादून के क्लेमेंटटाउन, चकराता, साहिया, चमोली जिले के देवाल के सवाड, चारपाणी तोक के आमडाला, नंदप्रयाग, ऊधमसिंह नगर जिले के जसपुर, अल्मोड़ा के पांडुवाखाल, देघाट, द्वाराहाट, जैंती, टिहरी गढ़वाल में नरेंद्रनगर, कीर्तिनगर के ग्राम गुगली, जौनपुर, मोरी के नानई, बुगीधार के प्रतापनगर के मदननेगी, देवप्रयाग के हिंडोलाखाल, हरिद्वार के लक्सर, ग्राम तुगलपुर, उत्तरकाशी के भटवाड़ी, उपला टकनौर में केंद्रीय विद्यालय खुल सकता है। इसके लिए प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन अधिकतर प्रस्ताव मानक के अनुरूप नहीं भेजे गए।

क्षेत्रीय विधायक प्रयास करें तो बने बात
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, क्षेत्रीय विधायकों के स्तर से अपने-अपने क्षेत्रों में केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए प्रयास किए जाएं तो बात बनें। विधायक स्कूल के लिए अस्थायी भवन और भूमि की व्यवस्था कर जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेज सकते हैं।

केंद्रीय विद्यालयों के लिए सभी जिलों से प्रस्ताव नहीं आए, कुछ जिलों ने इसका प्रस्ताव भेजा है। इसकी फिर से समीक्षा कर प्रस्ताव मांगे जाएंगे। आज निजी स्कूल संचालकों के साथ निवेशक सम्मेलन को लेकर बैठक रखी है। सरकार चाहती है कि सभी जिलों में उच्चगुणवत्ता वाले स्कूल खुलें। इसके लिए नामी स्कूल संचालकों की राय ली जाएगी।