Uttarakhand Earthquake: उत्तराखंड में एक बार फिर से भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. दरअसल, मंगलवार के बाद गुरुवार की सुबह उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 3.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप से किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की खबर नहीं है.
HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड में महसूस किए गए भूकंप के झटके
- 3.2 की तीव्रता से हिली उत्तरकाशी की धरती
- सुबह 3.49 बजे महसूस किए गए झटके
Uttarakhand Earthquake: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गुरुवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई. हालांकि इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. बता दें कि इससे पहले मंगलवार दोपहर में दिल्ली एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस दौरान भी उत्तरकाशी की धरती डोली थी. मंगलवार को आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मापी गई थी.
ये भूकंप दोपहर 2.52 बजे राजधानी देहरादून समेत, श्रीनगर, उत्तरकाशी, टिहरी और पूरे कुमाऊं मंडल में महसूस किया गया था. इस दौरान करीब पांच सेकंड तक धरती हिलती रही. इस भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे नेपाल में था. जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हुए लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. वाडिया इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीके यादव के मुताबिक, मंगलवार दोपहर 2.25 बजे भूकंप का पहला झटका आया. जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.9 मापी गई. उसके बाद दो बजकर 51 मिनट पर 5.7 तीव्रता का दूसरा झटका महसूस किया गया.
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के भूकंप विज्ञानियों के मुताबिक, भूकंप के हिलाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है. राज्य का ज्यादातर इलाका भूकंप के लिहाज से जोन 4-5 में आता है. यही वजह है कि उत्तराखंड में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.
बता दें कि हाल के दिनों में भारत के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में भी कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. पिछले महीने ही अफ्रीकी देश मोरक्को में भूकंप आया था. जिसमें 2960 लोगों की मौत हुई थी. इस भूकंप में एक गांव पूरी तरह से जमींदोज हो गया था. क्योंकि गांव में ज्यादातर घर कच्चे बने हुए थे. भूकंप के ये झटके मराकेश-सफी इलाके में 8 सितंबर की रात 11 बजकर 53 मिनट पर महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई थी.