Wednesday, January 15, 2025

बागेश्वर में जंगलों के बीच बने हैं अधिकतर विद्यालय, बना रहता है आपदाओं का भय; पत्थरों को शीघ्र हटाने की मांग

उत्तराखंड

पहाड़ के अधिकतर विद्यालय जंगलों के बीच हैं। जहां आपदाओं का भय बना रहता है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय लखनी बगीचा के ऊपर बोल्डर पहाड़ पर अटके हुए हैं। उनके गिरने का भय बना हुआ है जिसको लेकर अभिभावक भी परेशान हैं। उन्होंने शीघ्र पत्थरों को हटाने की मांग की है। गरुड़ विकास खंड में यह प्राथमिक विद्यालय है। विद्यालय के पास की पहाड़ी पर बड़े-बड़े बोल्डर एकत्र हुए हैं।

पहाड़ के अधिकतर विद्यालय जंगलों के बीच हैं। जहां आपदाओं का भय बना रहता है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय लखनी बगीचा के ऊपर बोल्डर पहाड़ पर अटके हुए हैं। उनके गिरने का भय बना हुआ है, जिसको लेकर अभिभावक भी परेशान हैं। उन्होंने शीघ्र पत्थरों को हटाने की मांग की है।

गरुड़ विकास खंड में यह प्राथमिक विद्यालय है। विद्यालय के पास की पहाड़ी पर बड़े-बड़े बोल्डर एकत्र हुए हैं। अगर यह पत्थर नीचे की तरफ लुढ़के तो विद्यालय परिसर को भारी नुकसान हो सकता है। पठन-पाठन के दौरान बच्चे और शिक्षक भी भयभीत हैं।

भूकंप, भूस्खलन व आपदाओं की दृष्टि से जोन पांच में आता है बागेश्वर

स्थानीय निवासी बालकृ़ष्ण ने कहा कि भूकंप, भूस्खलन और आपदाओं की दृष्टि से जिला जोन पांच में आता है। बीते दिनों 5.5 का भूकंप भी आया है। पत्थरों से विद्यालय को खतरा बना हुआ है। पहाड़ी पर किसी भी प्रकार की हलचल होने से बोल्डर स्कूल परिसर पर आ सकते हैं, जिससे जानमाल का खतरा हो सकता है।

 

पत्थरों को सावधानी पूर्वक हटाने की व्यवस्था शीघ्र करने की मांग

उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल संज्ञान लेने और पत्थरों को सावधानी पूर्वक हटाने की व्यवस्था शीघ्र करने की मांग की है। इधर, जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जिला शिक्षाधिकारी को स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।