All India Police Science Congress: गोली चलने की घटनाओं के बाद पुलिस मौके से खाली खोखे और हथियार (बंदूक, पिस्तौल, तमंचा आदि) बरामद करती है। इसके बाद इस बात की जांच की जाती है कि गोली इस संबंधित हथियार से ही चली या फिर किसी और से।
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बैलेस्टिक जांच के परिणामों में अब लंबा समय नहीं लगेगा। इसके लिए मोहाली की एक कंपनी ने बैलेस्टिक जांच के लिए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो महज 30 सेकंड में ही सटीक परिणाम दे देगा। इससे पता चल जाएगा कि गोली किस हथियार से चली है। बुलेट रिकवरी बॉक्स नाम के इस नए उपकरण को कंपनी ने ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस में लॉन्च किया।
दरअसल, गोली चलने की घटनाओं के बाद पुलिस मौके से खाली खोखे और हथियार (बंदूक, पिस्तौल, तमंचा आदि) बरामद करती है। इसके बाद इस बात की जांच की जाती है कि गोली इस संबंधित हथियार से ही चली या फिर किसी और से। कई बार मौके से हथियार बरामद न होने की सूरत में दूसरे संदिग्ध हथियारों को भी अपराधियों की निशानदेही पर बरामद किया जाता है। इनकी भी जांच की जाती है।
फोरेंसिक लैब में होने वाली इस जांच को बैलेस्टिक जांच कहते हैं। हथियारों के बैरल (नली) में एक विशेष निशान (विज्ञान की भाषा में सिग्नेचर कहा जाता है) होता है, जो हरेक हथियार में अलग होता है।