काम की खबर: फिर अटक गई योजना…अभी नहीं लगेंगे आपके घरों पर बिजली के स्मार्ट प्रीपेड मीटर, टेंडर निरस्त

उत्तराखंड

सार

स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर खुल भी गया था लेकिन काम का आवंटन नहीं किया जा सका। इसके पीछे मीटर के रेट को वजह बताया जा रहा है। यूपीसीएल के एमडी ने बताया कि इसकी निविदा प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी। जल्द ही स्मार्ट मीटर का काम धरातल पर उतरेगा।

विस्तार

प्रदेश में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की योजना फिर अटक गई है। इस योजना का टेंडर यूपीसीएल ने निरस्त कर दिया है। अब नए सिरे से निविदा आमंत्रित की जाएगी। यूपीसीएल ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत 1099.84 करोड़ का टेंडर फरवरी में निकाला था।

इसी प्रकार लाइन लॉस कम करने के लिए भी टेंडर निकाला गया था। स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर खुल भी गया था लेकिन काम का आवंटन नहीं किया जा सका। इसके पीछे मीटर के रेट को वजह बताया जा रहा है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि इसकी निविदा प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी। जल्द ही स्मार्ट मीटर का काम धरातल पर उतरेगा।

इस मीटर पर आने वाले खर्च का 22.5 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी। बाकी रकम दस साल में यूपीसीएल को किश्तों में अदा करनी है। उपभोक्ताओं से इसका कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। आपको बता दें कि यूपीसीएल ने मार्च 2022 में इसका प्रस्ताव तैयार किया था। 

ये होगा लाभ

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की योजना के तहत उत्तराखंड के 15 लाख 84 हजार 205 घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। प्रदेश के 38,016 ट्रांसफार्मर और 33 केवी के 379 व 11 केवी के 1254 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगेंगे। यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, स्मार्ट मीटर एक तरह के प्रीपेड मीटर की तरह काम करेंगे जो बिजली रिचार्ज खत्म होने पर एसएमएस भेजकर जानकारी देगा।

इससे बिजली की खपत की जानकारी घंटावार, दिनवार, वर्षवार आसानी से मिल सकेगी। उपभोक्ताओं की बिजली अगर ज्यादा फुंकेगी तो इसकी जानकारी भी मिल जाएगी। बिजली आपूर्ति व मांग का आंकड़ा भी आसानी से मिलेगा। बिजली चोरी पर भी काफी हद तक लगाम लग जाएगी। बिलिंग की दिक्कतें दूर होंगी और विवाद भी खत्म होंगे।