Uttarakhand Ground Report: बिजलीघर बना नहीं, पीएम मोदी से करवा दिया 132 केवी विद्युत लाइन का लोकार्पण

उत्तराखंड

सार

उपसंस्थान के मुख्य द्वार पर ताला लटका है। कोई स्टाफ नहीं। पिथौरागढ़ से लोहाघाट के बीच 42 किमी लंबी लाइन को 158 टावर के जरिये जोड़ा गया है।

विस्तार

पीएम मोदी से जिस 132 केवी पिथौरागढ़-लोहाघाट-चंपावत ट्रांसमिशन लाइन का लोकार्पण 12 अक्तूबर को कराया गया, उसको लेकर अमर उजाला की ग्राउंड रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

लोकार्पण के चार माह पहले से ही इस लाइन पर 33 केवी की बिजली दौड़ाई जा रही है। जबकि यह लाइन 132 केवी की बनाई गई है। इतनी क्षमता की बिजली सप्लाई इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले सब स्टेशन का कार्य ही नहीं शुरू हो पाया है। सब स्टेशन बनाने के लिए अभी टेंडर प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में सवाल है कि आधे-अधूरे प्रोजेक्ट का पीएम मोदी से लोकार्पण क्यों करा दिया?

लोहाघाट उपसंस्थान के मुख्य द्वार पर ताला लगा है। पिथौरागढ़ से लोहाघाट के बीच 42 किमी लंबी लाइन को 158 टावर के जरिये जोड़ा है लेकिन अभी भी एक से 69 टावर तक बिजली सप्लाई नहीं हो रही है। लोहाघाट उपसंस्थान की चहारदीवारी तो बनी है पर बिजलीघर भवन का काम शुरू तक नहीं हुआ है। फरवरी 2011 में तत्कालीन सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने चंपावत के दौरे के दौरान 132 केवी उपसंस्थान के निर्माण का एलान किया था। 

यह है जमीनी हकीकत

  • अभी 132 केवी की लाइन पर 33 केवी बिजली की हो रही आपूर्ति।
  • बिजलीघर का निर्माण तो दूर अभी निविदा प्रक्रिया ही चल रही है।
  • 42 किलोमीटर लंबी लाइन, 158 टावर, 82.07 करोड़ का हो चुका खर्च।
  • लोहाघाट स्थित उपसंस्थान के मुख्य द्वार पर लटका है ताला, कोई स्टाफ नहीं।

 

परियोजना से ये लाभ होंगे

  • लो-वोल्टेज से निजात मिलेगी।
  • ब्रेक डाउन नहीं लेना पड़ेगा।
  • लाइन लॉस में कमी आएगी।
  • चंपावत जिले के सवा दो लाख से अधिक आबादी वाले समूचे पहाड़ी क्षेत्र पाटी, बाराकोट, लोहाघाट का संपूर्ण ब्लॉक क्षेत्र के अलावा चंपावत ब्लॉक का समूचा पहाड़ी हिस्सा लाभान्वित होगा।
  • अभी मैदानी क्षेत्र टनकपुर की आपूर्ति लोहियाहेड और समूचे पहाड़ी हिस्सों की बिजली आपूर्ति।

इस लाइन से 33 केवी की बिजली आपूर्ति हो रही है

132/33 केवी पारेषण लाइन और बिजलीघर दोनों अलग-अलग काम हैं। पारेषण का काम पूरा हो गया है। बिजलीघर के लिए पिटकुल की निविदा प्रक्रिया चल रही है। पिथौरागढ़ के बजाय वर्तमान में इस लाइन से 33 केवी की बिजली आपूर्ति हो रही है। इससे ब्रेकडाउन के खतरे कम होंगे। पूरी क्षमता की बिजली आपूर्ति दोनों काम पूरा होने के बाद होगी।
-उमाकांत चतुर्वेदी, ईई, ऊर्जा निगम, चंपावत।

प्रधानमंत्री ने 42 किमी लंबी विद्युत पारेषण लाइन का लोकार्पण किया है, विद्युत सब स्टेशन का नहीं। जब तक सब स्टेशन बनेगा, तब तक स्थानीय स्तर पर लॉ वोल्टेज, लाइन ट्रिपिंग की समस्या के समाधान के लिए इसे 33 केवी पर ऊर्जीकृत किया गया है। सब स्टेशन के लिए टेंडर खोला गया है। अधूरे प्रोजेक्ट के लोकार्पण की बात गलत है।
-पीसी ध्यानी, प्रबंध निदेशक, पिटकुल