Uttarakhand News: मसूरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल ने जिलाधिकारी से एक शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने मसूरी में विभिन्न कार्यों के टेंडर व कोटेशन में कई गंभीर आरोप लगाए थे।
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नगर पालिका मसूरी के अफसरों ने 5.70 करोड़ के कार्यों के टेंडर और कोटेशन में बड़ा खेल कर दिया। इन अनियमितताओं की जांच एसडीएम की दो सदस्यीय समिति ने की है। उन्होंने तत्काल सभी टेंडर, कोटेशन निरस्त करने, अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की। मामले में शासन ने शहरी विकास निदेशालय से विस्तृत जानकारी मांगी है।
मसूरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल ने जिलाधिकारी से एक शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने मसूरी में विभिन्न कार्यों के टेंडर व कोटेशन में कई गंभीर आरोप लगाए थे। डीएम सोनिका के निर्देश पर एसडीएम मसूरी नंदन कुमार की अध्यक्षता में संयुक्त समिति का गठन किया गया, जिसमें उपकोषाधिकारी मसूरी सुरेंद्र दत्त थपलियाल सदस्य थे। इस समिति ने जांच की तो पाया कि जो भी टेंडर निकाले गए, उनकी ड्राइंग तैयार नहीं की गई। जब मौके पर जांच हुई तो कागजों में जितना माप दिखाया गया है, उससे कम निकला। समिति ने यह भी पाया कि नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठक में गैर जरूरी व पूर्व में पूरे किए जा चुके कार्यों के प्रस्ताव रखे जा रहे हैं।
समिति ने सभी टेंडर व कोटेशन तत्काल निरस्त करने के साथ ही पूर्व में पूर्ण कार्यों की माप पुस्तिका की जांच के साथ ही पालिका के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।