Uttarakhand Student Union Election प्रदेश के 120 महाविद्यालयों में से 113 में मंगलवार को हुए छात्रसंघ चुनाव में कई सालों के रिकॉर्ड टूटे हैं। नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने अध्यक्ष पद पर 30 व महासचिव के 37 पदों पर विजय प्राप्त की। वहीं अभाविप ने अध्यक्ष के 57 व महासचिव के 46 पदों पर जीत दर्ज की।
HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनाव संपन्न हो गए हैं।
- 120 महाविद्यालयों में से 113 में मंगलवार को हुए छात्रसंघ चुनाव
- अभाविप ने अध्यक्ष के 57 व महासचिव के 46 पदों पर जीत दर्ज की
प्रदेश के 120 महाविद्यालयों में से 113 में मंगलवार को हुए छात्रसंघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का वर्चस्व रहा। अभाविप ने अध्यक्ष के 57 व महासचिव के 46 पदों पर जीत दर्ज की। हालांकि प्रदेश के सबसे बड़े डीएवी कॉलेज समेत कुछ अन्य में उसका गढ़ ढहा है।
मुख्य प्रतिद्वंद्वी नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने अध्यक्ष पद पर 30 व महासचिव के 37 पदों पर विजय प्राप्त की। 19 कॉलेजों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने अध्यक्ष पद कब्जाया। वहीं महासचिव पद पर 21 निर्दलीय विजेता रहे।
आर्यन का वर्चस्व रहा कायम
आर्यन ने अध्यक्ष के सात और महासचिव के आठ पद पर विजय प्राप्त की। पिछले वर्ष भी अभाविप ने प्रदेशभर में सबसे अधिक अध्यक्ष एवं महासचिव पदों में कब्जा जमाकर अपनी श्रेष्ठता साबित की थी। देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में अभाविप के 14 वर्ष पुराने किले को ध्वस्त कर आर्यन ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया।
कुमाऊं में ऐसा रहा परिणाम
कुमाऊं में छात्रसंघ चुनावों में अभाविप आगे रही। छह जिलों में 56 कैंपस व महाविद्यालयों में अध्यक्ष पद पर 22 में अभाविप प्रत्याशी जीते तो 14 में एनएसयूआई ने बाजी मारी।
निर्दलीय प्रत्याशियों का भी रहा वर्चस्व
आठ कॉलेजों में निर्दलीय प्रत्याशी अध्यक्ष बने हैं। कुमाऊं के सर्वाधिक छात्र संख्या वाले एमबीपीजी कॉलेज में अभाविप के सूरज रमोला ने निर्दल संजय जोशी को 17 वोटों के अंतर से हराया।
परिणामों पर एक नजर
- प्रदेश के 113 कॉलेज में से 57 में अभाविप के अध्यक्ष
- 30 पदों पर एनएसयूआई को मिली जीत
- आर्यन ने सात कॉलेजों में अध्यक्ष पद जीते