Landslide In Uttarkashi: यमुनोत्री NH पर निर्माणाधीन सुरंग का 35 मीटर हिस्सा टूटा, फंसे हुए सभी लोग सुरक्षित

उत्तरकाशी़ उत्तराखंड

सार

Uttarkashi Landslide Tunnel: घटना पर जानकारी देते हुए प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवान रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि काम बहुत तेजी से चल रहा है। हर कोई बहुत मेहनत कर रहा है। हम कल दुखी थे क्योंकि हम फंसे हुए लोगों से बात नहीं कर पा रहे थे। लेकिन फिर हम उनसे बात करने में सक्षम हो गए।

विस्तार

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन हुआ है। सुरंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल के निर्देशन में नवयुगा कंपनी कर रही है। बताया जा रहा है कि सुरंग के अंदर 40 से ज्यादा मजूदर फंसे हैं।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर सिल्क्यारा टनल में राहत और बचाव कार्य चल रहा है। घटना पर जानकारी देते हुए प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवान रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि काम बहुत तेजी से चल रहा है। हर कोई बहुत मेहनत कर रहा है। हम कल दुखी थे क्योंकि हम फंसे हुए लोगों से बात नहीं कर पा रहे थे। लेकिन फिर हम उनसे बात करने में सक्षम हो गए।

लोडर ऑपरेटर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि मकिंग का काम चल रहा है। लोडर और एक्सकेवेटर से मलबे को हटाने का काम किया जा रहा है। सुरंग का लगभग 30-35 मीटर हिस्सा टूट गया है। घटना सुबह 5:30 बजे के आसपास हुई थी। हमारे पास लगभग 40-45 लोगों के फंसे होने की जानकारी है। सभी सुरक्षित हैं।

जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी ने इसकी पुष्टि की है। भले अभी यह पता नहीं चल पाया है कि सुरंग के अंदर कुल कितने श्रमिक फंसे हैं। कंपनी की ओर से मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है। मौके पर पांच 108 एंबुलेंस तैनात की गई हैं।

हादसे की सूचना मिलने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि घटना के बाद से मैं लगातार अधिकारियों से संपर्क में हूं। हादसे की पूरी जानकारी है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ मौके पर मौजूद है। सभी की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।  वहीं हादसे को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने जिले के सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें तत्काल अपने-अपने कार्य स्थल पर रिपोर्ट करने और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चौबीस घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए हैं। 

Landslide in Uttarkashi tunnel under construction on yamunotri national highway many workers trapped
उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूर – फोटो
एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने बताया कि अभी किसी की मौत की सूचना नहीं है। एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए है। जानकारी के अनुसार, हादसा रविवार सुबह 5:00 बजे हुआ। सिलक्यारा की ओर सुरंग के द्वार से 200 मीटर की दूरी पर यह भूस्खलन हुआ है, जबकि जो मजदूर काम कर रहे थे वो वाहन द्वार के 2800 मीटर अंदर हैं।

Landslide in Uttarkashi tunnel under construction on yamunotri national highway many workers trapped
उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूर – फोटो
आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत तैयार की जा रही सुरंग की लंबाई 4.5 किमी है। इसमें से चार किमी तक निर्माण पूरा कर लिया गया है। पहले सुरंग निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य सितंबर 2023 था, लेकिन अब मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

सिलक्यारा टनल हादसे में अपडेट व सहायता के लिए हेल्पलाइन जारी
सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी द्वारा मौके पर पुलिस फोर्स, राहत व बचाव दलों को 24 घंटे के लिए तैनात कर दिया गया है। एसपी द्वारा बताया गया कि टनल में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकलना हमारी प्राथमिकता है, जिसके लिए पुलिस बल व राहत एवं बचाव दल की टीमों को 24×7 मौके पर रेस्क्यू कार्य में जुटी रहेंगी। रेस्क्यू की अपडेट व सहायता के लिये उत्तरकाशी पुलिस की हेल्पलाइन +917455991223 भी जारी की गयी है।

घटना की सूचना पर हेली से पहुंचे डीएम, रेस्क्यू कार्य की कर रहे निगरानी 
घटना की सूचना पर दीपावली की छुट्टी पर देहरादून गए डीएम अभिषेक रूहेला भी दोपहर बाद हेलीकॉप्टर से चिन्यालीसौड़ तक और फिर कार से मौके पर पहुंचे। जिन्होंने सुरंग के अंदर जाकर स्थिति का जायजा लिया। डीएम अभिषेक रूहेला ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत एवं बचाव कार्य को युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।

डीएम ने रद्द की सभी अधिकारियों की छुट्टी
यमुनोत्री हाईवे के निकट निर्माणाधीन सुरंग में हादसे के बाद डीएम अभिषेक रूहेला ने जनपद के सभी अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। सभी अधिकारियों से तत्काल अपने-अपने कार्यस्थल पर लौटने और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

विभिन्न राज्यों के हैं सुरंग में फंसे मजदूर 
सुरंग में फंसे मजदूर उत्तराखंड सहित झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश व हिमाचल, ओडिशा राज्यों के हैं। फंसने वाले मजदूरों में उत्तराखंड के कोटद्वार व पिथौराढ़ के दो सहित बिहार के चा, पश्चिम बंगाल के तीन, असम के दो, झारखंड के 15, उत्तरप्रदेश के आठ, हिमाचल का एक और ओडिशा के पांच शामिल हैं।

मजदूरों के रेस्क्यू के लिए ड्रिलिंग मशीन पहुंचने का इंतजार
यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग के टूटने से फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन मंगवाई गई है, जिसके सोमवार कल सुबह तक पहुंचने की उम्मीद है। साथ ही सुरंग में लगातार रूक-रूककर गिर रहे मलबे से निपटने के लिए भू-वैज्ञानिकों से भी वार्ता की जा रही है। रविवार सुबह सिलक्यारा में सुरंग के अंदर मलबा गिरने से हादसा हुआ तो उसी समय जिला आपदा प्रबंधन विभाग से वर्टिकल डि्रलिंग मशीन मांगी गई थी, लेकिन विभाग के पास यह उपलब्ध नहीं होने पर जल विद्युत निगम लखवाड़, विकास नगर से यह मशीन मांगी गई है।

दो जेसीबी और एक पोकलेन मशीन से हटाया जा रहा मलबा
सुरंग के अंदर आए मलबे को वर्तमान में दो जेसीबी और एक पोकलेन मशीन से हटाया जा रहा है। वहीं, सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सेटरिंग प्लेट आदि के माध्यम से सुरक्षित रास्ता तैयार करने का काम किया जा रहा है। वर्तमान में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, त्वरित कार्यवाही दल के 160 राहत कर्मी मौके पर तैनात हैं।

ह्यूम पाइप बिछे होते तो सकुशल बाहर आ जाते मजदूर
निर्माणाधीन सुरंगों में मलबा गिरने का खतरा रहता ही है। ऐसे में वहां सुरक्षा एवं बचाव के लिए ह्यूम पाइप बिछाए जाते हैं। जिससे कभी मलबा गिरे और मजदूर अंदर फंस जाए तो वह ह्यूम पाइप के सहारे सकुशल बाहर निकल आते हैं। सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग के बाहर ट्रकों में भरकर ह्यूम पाइप तो रखे गए हैं। लेकिन इन्हें अंदर सुरंग किनारे-किनारे नहीं बिछाया गया है। जबकि ऐसा किया गया होता तो मलबा गिरने से फंसे मजदूर सकुशल बाहर निकाले जा सकते थे। एनएचआईडीसीएल के निवर्तमान महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि ह्यूम पाइप को सुरंग के अंदर खतरे वाले हिस्सों में रखा जाता था। लेकिन इस बार किसी को अंदाजा नहीं था कि इस तरह का कुछ होगा।

घटना से पांच दिन पहले महाप्रबंधक हुए रिलीव
एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल का प्रतिनियुक्ति कार्यकाल गत 6 नवंबर को खत्म हो गया। जिसके बाद वह रिलीव होकर लौट गए हैं। उन्होंने सुरंग में हादसे की सूचना पर दुख जताया। उन्होंने बताया कि जहां मलबा गिरा है वह सुरंग का संवेदनशील हिस्सा था। हालांकि उन्होंने सभी मजदूरों के सकुशल होने की बात कही। कहा कि जहां मलबा गिरा है। मजदूर उससे काफी अंदर हैं और सुरंग में ऑक्सीजन की सप्लाई भी हो रही है। उन्होंने रेस्क्यू कार्य में डेढ़ से दो दिन लगने के बाद सभी के सकुशल बाहर आने की बात कही।

सिलक्यारा टनल के अंदर बचाव अभियान लगातार जारी है, मलबे को निकालने के लिए बड़ी मशीनें काम में लगाई गई हैं। जिलाधिकारी अभिषेक रोहिला ने बताया है कि राहत और बचाव अभियान को तेजी से संचालित करने के लिए स्थल पर बाहर से भी मशीनें मंगवाई गई हैं। गिरते मलबे को थामने के लिए शॉर्ट कीटिंग मशीन मौके पर पहुंच चुकी हैं और लखवाड़ परियोजना से एक होरिजेंटल ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है।