Uttarkashi Tunnel Collapse: सिलक्यारा पहुंची आठ वैज्ञानिक संस्थाओं की टीम, निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू

उत्तरकाशी़ उत्तराखंड

उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिलक्यारा के पास सुरंग में हुए भूधंसाव की घटना के बाद शासन ने आठ वैज्ञानिक संस्थाओं के विशेषज्ञों को मौके पर भेजा है। टीम ने सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है। टीम की ओर से विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।

12 नवंबर को सुरंग में भूस्खलन की घटना के बाद शासन-प्रशासन स्तर पर राहत एवं बचाव के कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार की निर्देशन में आठ वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञों को जांच के लिए भेजा गया है।

मलबे की मिट्टी, पत्थर के नमूने लेगी
इस तकनीकी समिति में वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की, भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग, भूगर्भ एवं खनिकर्म इकाई, भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान देहरादून और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।

यह टीम घटनास्थल का विभिन्न आयामों से परीक्षण करेगी। इसके साथ ही मलबे की मिट्टी, पत्थर के नमूने लेगी। इसके साथ ही सुरंग में भूस्खलन जोन के लंबवत ठीक ऊपरी सतह पर पहाड़ की स्थिति का परीक्षण भी करेगी।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया, तकनीकी समिति को भेजने का उद्देश्य घटना के कारण को जानना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जाए, इसका परीक्षण करना है। कहा, समिति को शीघ्र विस्तृत रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

हेल्प लाइन नंबर जारी

सुरंग में फंसे लोगों के परिजनों की सुविधा और उनकी आशंकाओं के निवारण के लिए जिला प्रशासन की ओर से हेल्प लाइन नंबर जारी किए गए हैं। संबंधित लोगों के परिजन 01374-222722, 222126, 7500337269 और जिला कंट्रोल रूम 7455991223 व 7818066867 पर संपर्क स्थापित कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide Team of eight scientific institutions reached Silkyara for investigation

त्वरित कार्रवाई के लिए बनाया हेलीपैड

सिलक्यारा में घटनास्थल से पांच किमी की दूरी पर स्यालना के पास एक अस्थायी हेलीपैड का निर्माण किया गया है। चिन्यालीसौड़ हेलीपैड को भी राहत कार्यों के लिए चिह्नित किया गया है।

घटनास्थल पर मौजूद मशीनरी

घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है। यहां पर वॉर्टिकल व हॉरिजोंटल ड्रिल मशीन और शॉर्ट क्रीट मशीन उपलब्ध है। साथ ही सुरंग के बाहर तीन पोकलैंड, दो जेसीबी, छह ट्रक, एक हाइड्रा, दो लोडर तैनात हैं। इसके अलावा सुरंग के अंदर चार पोकलैंड, तीन शॉर्ट क्रीटिंग मशीन, दो बूमर, दो हाइड्रा और दो ट्रक कार्य कर रहे हैं।

 

Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide Team of eight scientific institutions reached Silkyara for investigation

बाहर आते ही तत्काल शुरू होगा स्वास्थ्य परीक्षण

सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के भी इंतजाम कर लिए गए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया, मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें, विशेषज्ञ, दवाइयां, उपकरण, एंबुलेंस सुरंग के गेट पर तैनात कर दिए गए हैं। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्रवाई के लिए निकटवर्ती जिलों के चिकित्सालयों के साथ एम्स ऋषिकेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलिंडर का भंडारण किया गया है।

Uttarkashi Tunnel Collapse Landslide Team of eight scientific institutions reached Silkyara for investigation

सिलक्यारा पहुंची एसडीआरएफ की चार टीम

उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग धंसने के बाद अंदर फंसे 40 लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट से चार टीम को भेजा गया है। यहां 24 घंटे से रेस्क्यू चलाया जा रहा है। बुधवार तक सभी लोगों को बाहर निकालने की उम्मीद जताई जा रही हैं।