Friday, November 08, 2024

Uttarkashi Tunnel Collapse: कंप्रेसर के जरिए मजदूरों को भेजा गया चना-चबेना, पाइप से ऑक्सीजन की सप्लाई, मिलाया सिगनल

उत्तरकाशी़ उत्तराखंड

Uttarkashi Tunnel Collapse update – पाइप के जरिए ऑक्सीजन सुरंग के अंदर डाली जा रही है वॉकी टॉकी के सिगलन भी इसी पाइप थ्रू मिलाए गए। तब जाकर रविवार की रात से श्रमिकों के साथ संपर्क हो रहा है। रसद भी इसी पाइप के जरिए पहुंचाई गई परंतु सोमवार को नेताओं और अधिकारियों के दौरे के कारण रेस्क्यू में गतिरोध आया है।

 उत्तरकाशी। कैविटी खुलने से हुए भूस्खलन से सिल्क्यारा सुरंग में रविवार की सुबह से 40 श्रमिकों फंसे हैं। इन श्रमिकों की जिंदगी दाव पर है। रेस्क्यू अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। गनीमत यह कि रविवार की रात को सुरंग से पानी की निकासी के लिए बिछाया गया पाइप ही लाइफ लाइन बना है।

पाइप के जरिए ऑक्सीजन सुरंग के अंदर डाली जा रही है, वॉकी टॉकी के सिगलन भी इसी पाइप थ्रू मिलाए गए। तब जाकर रविवार की रात से श्रमिकों के साथ संपर्क हो रहा है। रसद भी इसी पाइप के जरिए पहुंचाई गई, परंतु सोमवार को नेताओं और अधिकारियों के दौरे के कारण रेस्क्यू में गतिरोध आया है।

25 मिनट तक मुख्यमंत्री ने ली जानकारी

दोपहर सोमवार को 11.40 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का काफिला सिल्क्यारा पहुंचा। सुरंग के बाहर आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारी पुलिस फोर्स तैनात दिखी।

आला अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री सुरंग के निरीक्षण के सुरंग के अंदर गए। साथ में भाजपा नेताओं का जत्था भी सुरंग के अंदर घटनास्थल पर गया है। करीब 25 मिनट तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग में अधिकारियों से भूस्खलन और रेस्क्यू कार्य की जानकारी ली।

20 मिनट तक आपदा प्रबंधन सचिव ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री के लौटने पर लोडर और तीन डंपर के जरिए भूस्खलन का मलबा निकालने के कार्य ने गति पकड़ी। मुख्यमंत्री के लौटने के आधे घंटे के अंतराल में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा मौके पर पहुंचे। करीब 20 मिनट तक आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा घटनास्थल पर रहे और स्थिति का जायजा लिया।

इस दौरान 20 से अधिक अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान धीरे-धीरे मलबा हटाने का कार्य जारी रहा। सुरंग से निकलने के बाद आपदा सचिव ने बैठक ली और पत्रकारों से मीडिया से रूबरू हुए।

इसी बीच गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान भी सुरंग में घटनास्थल का निरीक्षण के लिए पहुंचे। दोपहर बाद जब अधिकांश अधिकारी और नेता सिल्क्यारा से निकले तो तब मलबा हटाने के कार्य ने गति पकड़ी। रेस्क्यू अभियान में तीन हेवी डंपर के जरिए सोमवार को 400 टन मलबा सुरंग से निकाला गया।

चना-चबेना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए भेजे

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि वॉकी-टॉकी से पाइप लाइन के थ्रू सुरंग में फंसे मजदूरों से संपर्क हो रहा है। यह पाइप पानी की निकासी के लिए बिछी गई है। इसी के जरिए ऑक्सीजन और रसद की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर सुरंग में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं।