Friday, November 08, 2024

Uttarkashi Tunnel Collapse: सीएम धामी की है रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर, अधिकारियों संग की बैठक; दिए ये निर्देश

उत्तरकाशी़ उत्तराखंड

Uttarkashi Tunnel Collapse उत्तरकाशी टनल हादसे को लेकर राहत एवं बचाव के कार्यों में लगी एजेंसियों से भी मुख्यमंत्री हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखें।

HIGHLIGHTS

  1. उत्तरकाशी टनल हादसे पर सीएम धामी की है नजर
  2. हादसे में फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन

 देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों के बारे में अधिकारियों से निरंतर जानकारी ले रहे हैं। राहत एवं बचाव के कार्यों में लगी एजेंसियों से भी मुख्यमंत्री हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखें, राहत सामग्री की किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर, शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन द्वारा सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। राहत एवं बचाव के कार्य तेजी से चल रहे हैं।

ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव अग्रवाल, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी ए.पी. अंशुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव जे.सी. काण्डपाल उपस्थित थे।

 

बचाव टीम में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका

सिलक्यारा सुरंग में कैविटी खुलने से हुए भूस्खलन और सुरंग के अंदर श्रमिकों के फंसने की सूचना के बाद सिलक्यारा में सभी रेस्क्यू टीमें पहुंचे। जिनमें आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीमें हैं। परंतु सुरंग के अंदर मुख्य खोज बचाव का कार्य इंजीनियरों की टीम और श्रमिक ही कर रहे हैं। दरअसल सुरंग के अंदर काम करने का अनुभव श्रमिकों को अधिक है।