Uttarakhand मौसम विज्ञानियों की मानें तो उत्तराखंड में सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के बाद पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों पर मध्यम से भारी हिमपात होने पर ही मैदानी इलाकों में ठंड असर दिखाएगी। फिलहाल अगले सप्ताह मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की संभावना नहीं है। सामान्य सर्दी के लिए नवंबर अंत का इंतजार करना पड़ सकता है। यहां अभी तक कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू नहीं हुई है।
HIGHLIGHTS
- नवंबर आधा बीतने के बाद भी कुमाऊं के मैदानी क्षेत्रों में ठंड बेअसर
- तराई-भाबर में अभी तक दहाई के अंक से नीचे नहीं उतरा तापमान
चंपावत। नवंबर आधा बीत गया है, लेकिन सर्दी की सामान्य ठंड अभी नदारत है। विशेष रूप से कुमाऊं के मैदानी इलाकों में दिन व रात का तापमान अभी भी सामान्य के करीब है। टनकपुर, बनबसा, खटीमा, हल्द्वानी में न्यूनतम तापमान 16 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच है। पंतनगर में जरूर 11 डिग्री पारा पहुंच रहा है।
मौसम विज्ञानियों की मानें तो सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के बाद पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों पर मध्यम से भारी हिमपात होने पर ही मैदानी इलाकों में ठंड असर दिखाएगी। फिलहाल अगले सप्ताह मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की संभावना नहीं है। सामान्य सर्दी के लिए नवंबर अंत का इंतजार करना पड़ सकता है।
कहीं-कहीं गिरने लगा पारा
कुमाऊं के मैदानी इलाकों में नवंबर का न्यूनतम तापमान चार से छह डिग्री पहुंचने लगता है। हालांकि 20 नवंबर के बाद पारे में तेजी से कमी आती है। कुमाऊं के मैदान में अभी कोई स्थान ऐसा नहीं है जहां पारा 10 डिग्री से नीचे उतरा हो। बुधवार को सबसे कम 11 डिग्री तापमान पंतनगर में रिकॉर्ड किया गया।
भारी हिमपात की है आस
जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह का कहना है कि पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियां ऐसे मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की प्रतीक्षा में हैं, जो मध्यम से भारी हिमपात दे सके। जब तक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय तक नहीं पहुंचेगा, मैदानी इलाकों में शीतकाल जैसी ठंड महसूस नहीं होगी।
डा. सिंह ने बताया कि जब पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर भारी हिमपात करने के बाद पूर्व की ओर जाता है, तो बर्फ से ढके पहाड़ों से बर्फीली ठंडी हवाएं देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिम व मध्य भागों की ओर बढ़ती हैं और तापमान में भारी गिरावट आती है।
10 वर्षों में 2020 का नवंबर रहा सर्वाधिक सर्द
पंतनगर में पिछले 10 वर्षों के दौरान नवंबर में सबसे कम 3.9 डिग्री तापमान 2020 में रहा था। 22 नवंबर को यह पारा रिकॉर्ड हुआ था। पंतनगर में नवंबर का सबसे कम 3.0 डिग्री तापमान 28 नवंबर 1985 को रहा। इस बार पंतनगर का पारा 10 डिग्री से नीचे नहीं आया है।
बुधवार का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा। मैदान से लगे पर्वतीय स्टेशन मुक्तेश्वर में पिछले 10 वर्षों में नवंबर का सबसे कम 1.7 डिग्री तापमान भी 22 नवंबर 2020 को रहा था। मुक्तेश्वर में नवंबर का सबसे कम माइनस 2.3 डिग्री तापमान 23 नवंबर 1992 को रहा था। इस बार पारा 7.0 डिग्री से नीचे नहीं आया है। बुधवार को रिकॉर्ड 8.5 डिग्री पारा सामान्य से दो डिग्री अधिक था।
पर्वतीय क्षेत्र में ठंड का दौर
पिथौरागढ़ व चंपावत जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड का दौर चल रहा है। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से हिमालयी क्षेत्र में वर्षा, हिमपात होने के बाद दो से तीन दिन ठंड का दौर चलता है। फिर अच्छी धूप खिलने पर ठंड से थोड़ी राहत मिलती है। लोहाघाट में छोटी दिवाली की रात सबसे सर्द रही थी। तब पारा 3.9 डिग्री पहुंचा था। बुधवार को फिर लोहाघाट का न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री व चंपावत का 4.8 डिग्री रहा।
मौसम विभाग ने कही ये बात
अभी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है। अगले सप्ताह भी इसकी उम्मीद नहीं है। इसकी वजह से मैदानी क्षेत्रों में सर्दी अपेक्षाकृत कम है। अभी इसके लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है। -बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून