Badrinath Temple बदरीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर बाद 333 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा भी विराम ले लेगी। इस मौके पर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट और पुजारियों ने माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें कढ़ाई भोग अर्पित किया। धाम में पंच पूजाएं 14 नवंबर को शुरू हुई थीं।
बदरीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर बाद 3:33 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा भी विराम ले लेगी। धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया के तहत चल रही पंच पूजाओं के क्रम में चौथे दिन मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के साथ गर्भगृह में विराजमान होने का निमंत्रण दिया।
पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हुआ।
इस मौके पर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट और पुजारियों ने माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें कढ़ाई भोग अर्पित किया। धाम में पंच पूजाएं 14 नवंबर को शुरू हुई थीं। पहले दिन धाम में स्थित गणेश मंदिर और दूसरे दिन आदि केदारेश्वर मंदिर व आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए गए। जबकि, तीसरे दिन खड्ग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हुआ।
दस हजार से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे बदरीनाथ धाम
शुक्रवार सुबह माता लक्ष्मी को बदरीश पंचायत में विराजित होने का न्योता दिया गया। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मंदिर के कपाट बंद करने की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इसके लिए मंदिर की दस क्विंटल फूलों से भव्य सजावट की गई है। देर शाम तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंच चुके थे।