41 जिंदगियां कैद: सुरंग में फंसे भाई की तलाश में यूपी से पहुंचा अशोक, बहन का ये संदेश बताकर बेबस नजर आया

उत्तराखंड

उत्तरप्रदेश के मोतीपुर कला गांव के छह लोग सुरंग में फंसे हुए हैं। हादसा हुए आठ दिन का समय बीत चुका है। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं परिजनों की चिंता भी बढ़ती जा रही है और वह सिलक्यारा पहुंचने लगे हैं। रविवार को मोतीपुर से कई लोग सिलक्यारा पहुंचे।

मोतीपुर कला से सिलक्यारा आए लोगों में अशोक चौधरी भी शामिल है। अशोक ने बताया कि उनका बड़ा भाई संतोष चौधरी भी सुरंग में फंसे लोगों में शामिल है। वह भाई को हौसला देने के लिए यहां आया है। उसकी बड़ी बहन ने भी कहा है कि भाई को लेकर ही घर आना।

अशोक ने बताया कि उनके बड़े भाई संतोष चार महीने पहले ही गांव के कुछ अन्य युवाओं के साथ काम के सिलसिले में यहां आए थे। परिवार के लोगों को जब से हादसे की सूचना मिली है, तभी से सभी परेशान हैं। पूरा परिवार सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं।
बताया कि संतोष रक्षाबंधन पर भी घर नहीं आए थे। सुरंग में फंसे होने के कारण वह भाईदूज पर भी घर नहीं आ पाए थे, ऐसे बड़ी बहन लक्ष्मी उन्हें सबसे ज्यादा याद कर रही हैं। उन्होंने कहा है कि भाई को लेकर ही आना। अशोक ने कहा कि जब तक भाई सुरंग से बाहर नहीं निकलेगा, तब तक यही रूकूंगा।

मोतीपुर कला निवासी गन्नू का छोटा बेटा जयप्रकाश भी सुरंग में फंसा हुआ है। गन्नू ने बताया कि जयप्रकाश से पाइपलाइन से बात हुई है, वह बस यही कह रहा है कि जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी निकाल लो हमें। उसने यह भी पूछा कि अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए बाहर कुछ हो भी रहा है या नहीं। जिस पर पिता गन्नू ने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी।

सुरंग में फंसे लोगों की खोज-खबर के लिए सिलक्यारा पहुंचे मोतीपुर कला के लोगों के साथ गांव के पूर्व पूर्व प्रधान रामजी भी आए हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर युवक चार महीने पहले ही यहां आए थे। किसे पता था कि इस हादसे में उनका जीवन संकट में पड़ जाएगा।
बताया कि उत्तरप्रदेश सरकार ने सुरंग में फंसे युवकों के परिवार की मदद के लिए आपदा प्रबंधन विभाग में कार्यरत अरुण कुमार मिश्रा को राज्य समन्वयक बनाकर भेजा है।