HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड टनल हादसे में आज 11वें दिन जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
- रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी पड़ाव पर है
- आज रात या कल सुबह तक बाहर आ सकते हैं मजदूर
Uttarakhand Tunnel Collapse News LIVE Updates: आज 11वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। देश के कोने-कोने से मशीनों को एयरलिफ्ट किया गया है और उत्तरकाशी में दिन रात ड्रिलिंग का काम जारी है। उम्मीद की जा रही है बुधवार देर रात या फिर गुरूवार की सुबह टनल में फंसे 41 मजदूर बाहर आ सकते हैं।
उत्तरकाशी। Uttarakhand Tunnel Collapse LIVE Updates…उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी पड़ाव है। उम्मीद की जा रही है बुधवार रात या फिर गुरूवार सुबह तक मजदूरों को सही सलामत बाहर निकाल लिया जाएगा।
उत्तरकाशी टनल हादसे से जुड़े पल-पल की अपडेट यहां पढ़ें…
Uttarakhand Tunnel Collapse: पीएम मोदी ने सीएम धामी से ली जानकारी
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के बचाव अभियान की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर दी जानकारी।
Uttarakhand Tunnel Collapse: 37 श्रमिक आ रहे ऊपर, ऐसे होगा रेस्क्यू
उत्तरकाशी। बीआरओ के अधिकारी सरोज मांझी ने कहा कि हम सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी पर जा रहे हैं। कुल 37 श्रमिक ऊपर जा रहे हैं। हमने सड़क निर्माण का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है और मशीनें भी पहुंच गई हैं।
Uttarakhand Tunnel Collapse: तैयारियां हुई पूरी, बुलाई गई एंबुलेंस
उत्तरकाशी। रेस्क्यू अभियान ने गति पकड़ ली है। प्रशासन भी अपनी अन्य तैयारी में जुट गया है। श्रमिकों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस का भी इंतजाम किया जा रहा है। जिसके लिए टिहरी और अन्य जनपद से भी एंबुलेंस मंगाई गई है। उम्मीद है कि बुधवार की रात या बृहस्पतिवार की सुबह तक श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा सकेगा।
Uttarakhand Tunnel Collapse: 32 मीटर तक डाली जा चुकी है पाइप
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा आलवेदर रोड के अंतर्गत यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर दीपावली के दिन यानि 12 नवंबर से निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के कार्य ने मंगलवार से रफ्तार पकड़ ली है। मंगलवार को पूरे दिन से लेकर बुधवार सुबह आठ बजे तक श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए 800 एमएम व्यास के पाइप करीब 32 मीटर तक मलबे में डाले जा चुके हैं।