सिलक्यारा सुरंग में फंसे पुष्कर सिंह ऐरी की मां गंगा देवी और पिता राम सिंह ऐरी को भरोसा देने के लिए प्रशासन की टीम मंगलवार को उनके छीनीगोठ घर गई। घर पहुंचकर पुष्कर के माता-पिता को मोबाइल वीडियो से सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों की तस्वीर दिखाई।
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उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे पुष्कर सिंह ऐरी की मां गंगा देवी और पिता राम सिंह ऐरी को भरोसा देने के लिए प्रशासन की टीम मंगलवार को उनके छीनीगोठ घर गई। टनकपुर के नायब तहसीलदार जगदीश गिरि, विधायक प्रतिनिधि दीपक रजवार और भाजपा जिला महामंत्री पूरन सिंह महर ने घर पहुंचकर पुष्कर के माता-पिता को मोबाइल वीडियो से सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों की तस्वीर दिखाई।
उप जिला अस्पताल के डॉ. मोहम्मद उमर ने मौके पर पुष्कर के माता-पिता का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उनमें रक्तचाप में उतार चढ़ाव के अलावा बेचैनी के लक्षण है। डॉ. उमर ने दवा देने के साथ ही सब्र रखने को कहा। भोजन करने और पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी। टनकपुर के छीनीगोठ गांव का 24 साल का पुष्कर सिंह ऐरी पिछले एक साल से उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में ऑपरेटर है। 12 नवंबर को 40 अन्य लोगों के साथ वह भी सुरंग में फंस गया।
ईश्वर पर है भरोसा, सुरक्षित आएगा भाई पुष्कर: विक्रम
12 नवंबर से सुरंग में फंसे पुष्कर सिंह ऐरी की राह देखते-देखते बड़े भाई विक्रम सिंह ऐरी की आंखें थक गई हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि भाई और अन्य लोग जल्द ही सुरंग से सुरक्षित बाहर निकल आएंगे। मंगलवार को फोन पर बात करते हुए रोडवेज में चालक विक्रम सिंह ऐरी ने बताया कि उत्तरकाशी का प्रशासन और आपदा प्रबंधन सहित अन्य विशेषज्ञ बचाव के सारे उपाय कर रहे हैं।
बाहर से मंगाई गई मशीन से ड्रिलिंग की कोशिश हो रही है। सोमवार तक सूखे मेवे के अलावा कंप्रेसर से ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी। मंगलवार को खाना भेजने की बात कही जा रही है। इससे विक्रम आशावादी हैं। कहते हैं कि ईश्वर ने चाहा तो भाई जरूर सुरक्षित बाहर आएंगे। वे रोज सुबह-शाम फोन कर माता-पिता को भी भरोसा दे रहे हैं।