Thursday, December 05, 2024

Uttarkashi Tunnel Rescue: सारी तैयारियां हुईं पूरी, स्ट्रेचर से बाहर निकाले जाएंगे श्रमिक

उत्तरकाशी़ उत्तराखंड

Uttarkashi Tunnel Rescue सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तैयार हो रही सुरंग में ड्रिलिंग का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। श्रमिकों को पाइप से बाहर निकलने में किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए छोटे टायर लगे स्ट्रेचर तैयार किए गए हैं। मौके पर तैनात एनडीआरएफ एसडीआरएफ आईटीबीपी व पुलिस टीम पूरी तरह मुस्तैद है।

उत्तरकाशी। सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तैयार हो रही सुरंग में ड्रिलिंग का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मौके पर तैनात एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी व पुलिस टीम पूरी तरह मुस्तैद है।

एनडीआरएफ ने सिलक्यारा सुरंग के पास 800 एमएम के पाइप में मॉक ड्रिल की। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग पूरी होने के बाद रेस्क्यू के अगले चरण यानी पाइप के जरिये श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जाना है।

स्ट्रेचर से बाहर निकाले जाएंगे श्रमिक

श्रमिकों को पाइप से बाहर निकलने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए छोटे टायर लगे स्ट्रेचर तैयार किए गए हैं। श्रमिकों को इन्हीं स्ट्रेचर पर लेटाकर बाहर निकाला जाना है। इसे लेकर एनडीआरएफ अभ्यास भी कर चुकी है।

मशीन पहुंचाने के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए विभिन्न राज्यों से लाई गई विशालकाय मशीनों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पहुंचाया जा रहा। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सभी मशीनें व उपकरण बिना किसी रुकावट के पहुंच सकें, इसके लिए पुलिस ने सड़कों को खाली करवाकर ट्राले का परिवहन कराया गया।

हर राज्य के पुलिस अधिकारियों का बनाया गया ग्रुप

बुधवार रात भी गुजरात से एक मशीन सड़क मार्ग से सिलक्यारा तक लाई जा रही, जो देर रात हरियाणा मानेसर होते हुए मेरठ पहुंची। मशीनों के ट्राले के निर्बाध परिवहन के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा से लेकर राजस्थान व गुजरात तक पुलिस अधिकारियों का एक वाट्सअप ग्रुप भी बनाया गया है। इस ग्रुप पर लगातार मशीनों के संबंधित क्षेत्र में पहुंचने की जानकारी अपडेट की जा रही है। होरिजेंटल वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए विभिन्न क्षेत्रों से लाई गई मशीनों को पहले ही दिन यानी 12 नवंबर से अब तक सिलक्यारा पहुंचाया गया है।

 

इन राज्यों से लाई गई मशीनें

दिल्ली, गुजरात, आंध्र प्रदेश, बेंगलुरु आदि जगहों से मशीनों के हिस्से रेल व सड़क मार्ग से लाए गए। रेल से लाई गई मशीनों को ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर क्रेन से उतारकर ट्राले के माध्यम से सिलक्यारा तक पहुंचाया गया। सिलक्यारा तक सड़क मार्ग से मशीनों को पहुंचाने के लिए पुलिस की ओर से ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया।

चेक पोस्ट पर जारी किया गया सर्कुलर

मशीनों को लेकर जारी किए गए सर्कुलर रेस्क्यू के लिए जाई जा रही मशीनों के सर्कुलर जारी कर पुलिस ने सभी चेक पोस्ट आपसी समन्वय से खुले रखे। ट्रक से लेकर बड़े ट्राले तक को कहीं न रोके जाने के निर्देश दिए गए थे। पुलिस अधिकारियों के वाट्सअप ग्रुप पर लगातार मशीनों के ट्राले की जानकारी आती रही और संबंधित क्षेत्र की पुलिस ग्रीन कारिडोर बनाती रही।