सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए ड्रिलिंग से पहले मलबे में सरिया व अन्य धातु की पहचान होने पर ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार तकनीक का उपयोग किया गया होता। इसका उपयोग नहीं किए जाने की कमी प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार व राज्य सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने भी स्वीकार की है। उन्होंने माना कि इस तकनीक का उपयोग होता तो परिणाम और बेहतर रहता।
उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने की जंग में भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक के बाद एक तीन औगर मशीन ड्रिलिंग के लिए उतारी गईं, लेकिन राह आसान नहीं हो पाई और अभियान का समय आगे बढ़ गया।
तकनीक का उपयोग से होता बेहतर परिणाम
जानकारों के अनुसार, इसे कम समय में पूरा किया जा सकता था, अगर ड्रिलिंग से पहले मलबे में सरिया व अन्य धातु की पहचान होने पर ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार तकनीक का उपयोग किया गया होता। इसका उपयोग नहीं किए जाने की कमी प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार व राज्य सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने भी स्वीकार की है। उन्होंने माना कि इस तकनीक का उपयोग होता तो परिणाम और बेहतर रहता।