Uttarkashi Tunnel Collapse: सबसे बड़ी ड्रिल मशीन भी पहुंची, विशेषज्ञों ने बताया सुरंग के ऊपर अनुकूल परिस्थिति

उत्तरकाशी़ उत्तराखंड

वैसे तो सिलक्यारा सुरंग के भीतर से ड्रिल करने की योजना सफलता की ओर बढ़ रही है, लेकिन जियो फिजिकल विशेषज्ञों ने सुरंग के ऊपर से भी ड्रिल के लिए परिस्थितियां अनुकूल मानी हैं। विशेषज्ञों ने इसकी रिपोर्ट भी नेशनल हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को सौंप दी है। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का अभियान पिछले 13 दिन से चल रहा है। अभियान के दौरान सुरंग के भीतर से सफलता न मिलने पर ऊपर से भी ड्रिल करने की योजना बनाई गई थी।

इसके तहत एसजेवीएनएल को यहां 1.2 मीटर व्यास की ड्रिल करनी थी तो आरवीएनएल को 8 इंच की ड्रिल करके लाइफलाइन पाइप पहुंचाना था। इसके लिए कवायद शुरू की गई, जिसके तहत बीआरओ ने सड़क भी बना दी थी। जहां से ड्रिल होनी थी, उस स्थान का चयन कर लिया गया था। इसके बाद जियो फिजिकल विशेषज्ञों ने इसका निरीक्षण किया।

Uttarkashi Tunnel Collapse Favorable conditions for drill even from above the tunnel

पारसन कंपनी के जियो फिजिकल विशेषज्ञ बी भास्कर ने बताया कि उस स्थान से नीचे तक करंट से जांच की गई। पता चला कि उस क्षेत्र में कोई भी पानी का स्रोत ड्रिल के रास्ते में नहीं आएगा।

Uttarkashi Tunnel Collapse Favorable conditions for drill even from above the tunnel

ये माना गया था कि अगर ड्रिल के दौरान कोई पानी का स्रोत आया तो पूरे अभियान के साथ ही 41 मजदूरों को भी खतरा हो सकता है। लिहाजा, जरूरत पड़ने पर यहां आसानी से ड्रिल की जा सकती है।

 

Uttarkashi Tunnel Collapse Favorable conditions for drill even from above the tunnel
बचाव अभियान के दूसरे विकल्पों के तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिल करने को सबसे बड़ी ड्रिल मशीन भी तैयार कर दी गई है। इसे अलग-अलग हिस्सों में लाया गया था।

 

 

Uttarkashi Tunnel Collapse Favorable conditions for drill even from above the tunnel
इसके बाद एसेंबल कर दिया गया। कई अन्य ड्रिल मशीन भी यहां तैनात हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल उनसे रेस्क्यू ऑपरेशन को आगे बढ़ाया जा सके।