चाय बागान में पूर्व फौजी और एक महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। दोनों के शव सिंचाई गूल में पानी में डूबे मिले। पूर्व फौजी सुबह सवेरे टहलने निकले थे। जबकि, महिला कोठी में खाना बनाने जा रही थी।
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संदीप और हेमलता की मौत हादसा है या फिर हत्या। इसमें तमाम ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब खोजने में पुलिस को वक्त लग सकता है। घटनास्थल को देखने पर कुछ सवाल तो ऐसे उठ रहे हैं जिनसे पुलिस की प्राथमिक सोच भी धोखा खा रही है।
दोनों का एक ही जगह पड़ा होना, दोनों शव पानी में डूबे होना, चोट के कोई बड़े निशान न होना, एक ही जगह से उसी वक्त गुजरना ये ऐसे कुछ सवाल हैं। जिनके जवाब खोजना पुलिस के लिए भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
हादसे की थ्योरी में नहीं दिख रहा दम
मसलन, पुलिस प्रथमदृष्टया इसे हादसा मान रही है। लेकिन दोनों के शरीर पर कोई बड़ा जाहिरा चोट के निशान नहीं है। यानी अगर कोई वाहन टक्कर मारता तो उससे दोनों के शरीर की हालत कुछ और होती। इसके बाद जिस तरह से दोनों के शव गूल में पड़े थे उन्हें देखकर लगा कि जैसे किसी ने उन्हें यहां फेंका हो। कारण है कि यदि कोई वाहन टक्कर मारता तो सीधे गूल में आकर गिरना असंभव सी बात लगती है।
टक्कर लगने से गूल की दीवारों पर भी सिर टकराने की पूरी संभावनाएं हैं। लेकिन, ऐसा कुछ वहां नहीं दिखा। यही नही सीधे अगर गूल में भी गिरे होते तो यहां बमुश्किल 10 इंच गहरा पानी है। यानी सिर नीचे तल में लगता तो इससे भी बड़ी चोट की संभावना पूरी होती।