HIGHLIGHTS
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुभव पर आधारित पुस्तक रेजिलिएंट इंडिया का भी होगा विमोचन
- सम्मेलन उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों के लिए अधिक महत्वपूर्ण साबित होगा
देहरादून। प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों से निबटने और क्षति के न्यूनीकरण की रणनीति को लेकर भारत समेत विश्व के 70 देशों के विशेषज्ञ और विज्ञानी मंगलवार से दून में मंथन में जुटेंगे। अवसर होगा छठवां विश्व आपदा सम्मेलन, जिसकी मेजबानी इस बार उत्तराखंड कर रहा है।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। इस अवसर पर वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुभव पर आधारित पुस्तक रेजिलिएंट इंडिया का विमोचन भी करेंगे। पुस्तक में बताया गया है कि किस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के आपदा प्रबंधन माडल को बदलकर ज्यादा प्रभावी बनाया है। यह सम्मेलन उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों के लिए अधिक महत्वपूर्ण साबित होगा।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और डिजास्टर मैनेजमेंट इनिशिएटिव एंड कन्वर्जेंस सोसायटी हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में यह सम्मेलन ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में होगा।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सम्मेलन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार सुबह सवा 10 बजे इसका उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन में 70 देशों के आपदा के क्षेत्र में कार्य करने व रणनीति बनाने वाले शीर्ष विज्ञानी, विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, नीति निर्धारक व शोधकर्ता शामिल होंगे। तकनीकी सत्र 20 से ज्यादा स्थानों पर चलेंगे। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के मैदान में आपदा प्रबंधन पर प्रदर्शनी भी लगेगी।
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विश्वभर में आपदा पर हुए अध्ययन, शोध व अनुभव साझा किए जाएंगे और आपदाओं का समग्र समाधान खोजने पर विमर्श होगा। एक दिसंबर तक तक चलने वाले सम्मेलन में 350 शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। सम्मेलन के समापन पर देहरादून घोषणा पत्र जारी किया जाएगा। इसमें विश्व स्तर पर आपदा प्रबंधन के संबंध में महत्वपूर्ण विचारों, प्रतिक्रियाओं और सुझावों को समाहित किया जाएगा।
सम्मेलन का मूल उद्देश्य समाधान सुझानाः सीएम
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि-
छठवें विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का मूल उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु व आपदा प्रबंधन की चुनौतियों पर चर्चा एवं समाधान सुझाना है। इससे उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन के अंतरराष्ट्रीय शोध व समाधान केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयासों को बल मिलेगा। आठ दिसंबर से दून में होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले यह आयोजन विदेश में ‘सुरक्षित निवेश, सुदृढ़ उत्तराखंड’ की धारणा को पुष्ट करेगा।