HIGHLIGHTS
- सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों को निकालने की कोशिश जारी
- दीपावली के दिन से टनल के अंदर फंसे हैं 41 मजदूर
- अब मैनुअल ड्रिलिंग से किया जा रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन
Uttarakhand Tunnel Collapse Today LIVE Updates: सिलक्यारा सुरंग में 41 श्रमिकों की जान जोखिम में है। रेस्क्यू की राह में कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। जो मशीनें खोज बचाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचाई जा रही हैं, उन्हें सिलक्यारा पहुंचने में बदहाल सड़कों से जिल्लत झेलनी पड़ रही है। फिर भी रेस्क्यू जारी है, जल्द ही मजदूर बाहर आएंगे…
Uttarkashi Tunnel Rescue : सिल्कयारा पहुंचे सीएम धामी, रेस्क्यू का लेंगे जायजा
उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा पहुंचे। सिल्कयारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है
Uttarkashi Tunnel Rescue Live Update: 2 मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग हो चुकी है पूरी
उत्तरकाशी। सिल्कयारा सुरंग के दृश्य जहां 41 श्रमिकों को बचाने का अभियान जारी है। बचाव सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग चल रही है और पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अंतिम अद्यतन के अनुसार, लगभग 2 मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है।
Uttarkashi Tunnel Rescue: लगभग 5-6 मीटर जाना और बाकी: क्रिस कूपर
उत्तरकाशी। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि कल रात रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत अच्छा हुआ। हम 50 मीटर पार कर चुके हैं। अब लगभग 5-6 मीटर जाना बाकी है…कल रात हमारे सामने कोई बाधा नहीं थी। यह बहुत अच्छा लग रहा है सकारात्मक तरीके से हम आगे बढ़ रहे हैं।
Uttarkashi Tunnel Rescue: जारी है मैनुअल ड्रिलिंग
उत्तरकाशी। सुरंग के अंदर चल रही मैनुअल ड्रिलिंग का पहला दृश्य सामने आया है। पाइप को अंदर डालने के लिएऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है।
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए तीसरी कार्ययोजना पर भी हो रहा काम
तीसरी कार्ययोजना का इस्तेमाल तब किया जाएगा जब टनल में डाले गए पाइप पुश करने का प्रयास सफल नहीं होगा तो रैट माइनर्स सुरंग में एक से डेढ़ मीटर की मैनुअल ड्रिलिंग करेंगे। इसके बाद इस स्थान पर एक विशेष सीमेंटिंग स्प्रे किया जाएगा ताकि यहां से मलबा नीचे न गिरे। फिर ड्रिफ्ट बनाने के लिए बाहर पाइप को 10 से 12 इंच के तीन लंबवत टुकडों में काट कर पाइप के भीतर काम कर रहे कार्मिकों तक भेजा जाएगा, जो इन्हें एंगल वेल्ड कर पाइप के अग्रिम सिरे में जोड़ेंगे।
16वें दिन बचावकर्मियों ने झोंकी ताकत
राहत एवं बचाव अभियान के 16वें दिन इन श्रमिकों को जल्द सकुशल बाहर निकालने की उम्मीद बलवती होती दिखी। श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के ऊपरी हिस्से से एसजेवीएनएल वर्टिकल ड्रिलिंग की गई, जबकि सिलक्यारा की तरफ से स्टील पाइप की हारिजांटल निकास सुरंग बनाने को रैट माइनर्स की टीम मोर्चे पर डटी रही।
मौसम ने भी दिया साथ
औगर मशीन के हिस्सों को काटकर निकाला गया बाहर
एसजेवीएनएल ने 36 मीटर ड्रिलिंग पूरी कर ली है। सुरंग के मुहाने की तरफ से बन रही निकास सुरंग की ड्रिलिंग के दौरान फंसे औगर मशीन के हिस्सों को भी 70 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काटकर निकाल लिया गया है। इस तरफ से 86 से 88 मीटर ड्रिलिंग की जानी है।
रैट माइनर्स ने की डेढ़ मीटर की खुदाई
मैनुअल कटिंग के लिए मोर्चे पर रैट माइनर्स जुटे हुए हैं, सुरंग के नौ से 12 मीटर को मैनुअल तरीके से कटिंग के लिए रैट माइनर्स की टीम जुटी हुई है। रैट माइनर्स ने लगभग डेढ़ मीटर सुरंग खोद ली है। इस दिशा से अब तक 49.5 मीटर सुरंग तैयार हो गई है। रैट माइनर्स जैसे-जैसे सुरंग खोद रहे हैं वैसे-वैसे औगर मशीन से 800 मिमी व्यास के पाइप को भीतर धकेला रहा है।
ओडिशा के श्रम मंत्री ने की श्रमिकों से बात
ओडिशा के श्रम मंत्री शारदा प्रसाद नायक ने सिलक्यारा टनल में ओडिशा के श्रमिकों से बात की। श्रम मंत्री ने बताया कि घटना के तुरंत बाद ओडिशा सरकार ने दो अधिकारियों को सिलक्यारा भेजा था, जो अभी तक यहीं कैंप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी तीन श्रमिकों के स्वजन को लेकर आए हैं। उनकी तीन श्रमिकों से बातचीत हुई है।भगवान जगन्नाथ की कृपा से सभी सकुशल अपने घर जाएंगे। बता दें कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में ओडिशा के पांच श्रमिक फंसे हुए हैं।