यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के चलते 17 दिनों तक 41 मजदूर फंसे रहे। उनके सफल रेस्क्यू के बाद अब सुरंग का निर्माण कर रही नवयुगा इंजीनियरिंग कंपनी की लापरवाही धीरे-धीरे सामने आ रही है।
विस्तार
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के डंपिंग जोन पर्यावरण के साथ आबादी क्षेत्र के लिए खतरा बने हुए हैं। ग्राम पंचायत मंजगांव व सौंद के ग्रामीणों का कहना है कि सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी से पहले से भूस्खलन जोन वाले क्षेत्र में डंपिंग जोन का निर्माण कर दिया है जिनके आधार में पक्की दीवार का भी निर्माण नहीं किया गया है। केवल वायरक्रेट लगाई गई है जो मलबे का भार भी सहन नहीं कर पा रही है। इससे कई पेड़ भी टूटे हैं। डंपिंग जोन में दोबारा भूस्खलन सक्रिय होता है तो इससे दोनों गांव के कई परिवारों को खतरा है।
यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के चलते 17 दिनों तक 41 मजदूर फंसे रहे। उनके सफल रेस्क्यू के बाद अब सुरंग का निर्माण कर रही नवयुगा इंजीनियरिंग कंपनी की लापरवाही धीरे-धीरे सामने आ रही है। कंपनी ने सौंद मंजगांव जाने वाली रोड पर डंपिंग जोन का निर्माण किया है। यह डंपिंग जोन पहले से भूस्खलन जोन रहे क्षेत्र में बनाए गए हैं। यहां पर पक्की दीवार भी नहीं लगाई गई जिसके चलते मलबे का दबाव बढ़ने से पत्थर नीचे गिर रहे हैं। इन पत्थरों से कई हरे पेड़ भी गिर रहे हैं।