Uttarakhand देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व एवं उत्तराखंड की पहली रामसर साइट आसन वेटलैंड में जीएमवीएन का रिसॉर्ट व बोटिंग शुरू हो गई है। दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन को देखते हुए यहां विशेष व्यवस्था की गई है। निवेशक सम्मेलन के बाद अतिथियों को उत्तराखंड की पहली रामसर साइट आसन वेटलैंड की सैर कराने की योजना है। आसन वेटलैंड देश का पहला कंजर्वेशन रिजर्व यानी संरक्षित अभयारण्य है।
विकासनगर। देश के पहले कंजर्वेशन रिजर्व एवं उत्तराखंड की पहली रामसर साइट आसन वेटलैंड में जीएमवीएन का रिसॉर्ट व बोटिंग केंद्र राजधानी देहरादून में आठ दिसंबर से शुरू हो रहे दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन में पहुंचने वाले अतिथियों के स्वागत को तैयार है।
बताया जा रहा कि सम्मेलन के बाद मेहमान प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाने और बर्ड वाचिंग व बोटिंग के लिए जीएमवीएन के आसन रिसॉर्ट सेंटर व बोटिंग केंद्र पहुंचेंगे। अतिथियों के स्वागत में कोई कमी न रहे, इसके लिए पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को रिसॉर्ट सेंटर का निरीक्षण किया।
अतिथियों को कराई जाएगी आसन वेटलैंड की सैर
निवेशक सम्मेलन के बाद अतिथियों को उत्तराखंड की पहली रामसर साइट आसन वेटलैंड की सैर कराने की योजना है। आसन वेटलैंड देश का पहला कंजर्वेशन रिजर्व यानी संरक्षित अभयारण्य है। इन दिनों वेटलैंड की झील में हजारों की संख्या में विदेशी परिंदे आए हुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों के पक्षी भी यहां प्रवास पर हैं। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण झील में अठखेलियां करते विदेशी परिंदों को देखना व पैडल बोट का आनंद लेना बेहद रोमांचक होता है।
व्यवस्थाएं हैं दुरुस्त
बुधवार को सहायक महाप्रबंधक पर्यटन एसपीएस रावत ने सेंटर में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए पर्यटन विभाग उत्तरकाशी के क्षेत्रीय प्रबंधक वीरेंद्र सिंह गुसाईं व चमोली के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक रावत को भी बोटिंग केंद्र पर बुला लिया गया है।
अतिथि बोटिंग व बर्ड वाचिंग का लेंगे आनंद
आसन रिसॉर्ट सेंटर के प्रबंधक गिरवीर सिंह रावत ने बताया कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन के अतिथियों को लेकर केंद्र पर बोटिंग व बर्ड वाचिंग के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। बर्ड वाचिंग के लिए दूरबीन की व्यवस्था की गई है, जो केंद्र पर बने टावर से झील व परिंदों की सुंदरता निहारने में सहायक बनेगी। इसके अलावा यदि वह चाहेंगे तो अतिथियों को बोटिंग भी कराई जाएगी। वर्तमान में यहां पर 12 बोट हैं।
पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे अतिथि
जीएमवीएन के रिसॉर्ट सेंटर पर अतिथियों को पहाड़ी व्यंजन परोसने की तैयारी पर्यटन विभाग के माध्यम से की जा रही है। सहायक महाप्रबंधक पर्यटन एसपीएस रावत ने बताया कि अभी तक अतिथियों के भोजन के संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। यदि ऐसा हुआ तो विभाग अतिथियों को पहाड़ी व्यंजन परोसेगा।