Monday, October 07, 2024

Nainital: इस बार बेहद खास रहेगा आसमानी आतिशबाजी का नजारा, 120 प्रति घंटे की दर से दिखेगी यह खगोली घटना; जानें समय

उत्तराखंड नैनीताल

Nainital  आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. शशि भूषण पांडे ने बताया कि यह खगोलीय घटना बुध की रात से शुरू हो जाएगी। उल्काई आतिशी में उत्तरी गोलार्ध की सर्वाधिक आकर्षक खगोलीय घटना है। जिसका खगोल प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार रहता है। जेमिनिड्स उल्कावृष्टि 3200 फेथॉन नामक धूमकेतु के मलबे के कारण होती है।

 नैनीताल। इस बार होने जा रही आसमानी आतिशबाजी का नजारा खास रहने की उम्मीद है। टूटते तारे कही जाने वाली इस आतिशी खगोलीय घटना को 120 प्रति घंटे की दर से देखा जा सकता है। गुरुवार की रात यह घटना चरम पर रहेगी।

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. शशि भूषण पांडे ने बताया कि यह खगोलीय घटना बुध की रात से शुरू हो जाएगी। उल्काई आतिशी में उत्तरी गोलार्ध की सर्वाधिक आकर्षक खगोलीय घटना है। जिसका खगोल प्रेमियों को बेसब्री से इंतजार रहता है। जेमिनिड्स उल्कावृष्टि 3200 फेथॉन नामक धूमकेतु के मलबे के कारण होती है।

इन कारणों से देखने को मिलता है आतिशी नजारा

फेथॉन 524 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाता है, जो सूर्य व बुध के बीच से होकर गुजरता है। पृथ्वी के करीब से जाते समय ढेर सारा धूल व उल्काओं को धरती के मार्ग पर छोड़ जाता है और जब पृथ्वी उल्काओं के बीच होकर गुजरती है तो उल्काओं के पृथ्वी के वातावरण से टकराने के कारण जल उठती हैं और आतिशी नजारा देखने को मिलता है।

जेमिनीड उल्काएं मिथुन तारामंडल से आती हुई प्रतीत होती हैं। जिस कारण इस शॉवर का नाम जेमिनिड्स (मिथुन) से जोड़ा गया है। मिथुन तारामंडल क्षेत्र के सभी दिशाओं में चमकती उल्काई बारिश नजर आएगी।

धूल कणों से भरा है अंतरिक्ष

अंतरिक्ष धूल कणों से भरा हुआ है। जिस कारण जलती उल्काओं को अक्सर देखा जा सकता है। सामान्य अंधेरी रात में किसी अंधेरी जगह से प्रति घंटे 10 जलती उल्काओं का आकर्षक नजारा देख सकते हैं । मगर अधिक संख्या में देखने के लिए वर्ष में कुछ ही रातों को अवसर मिलता है। उनमें से जेमिनिड शॉवर की रात सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।