पहले चालू माह दिसंबर में ही विधानसभा का सत्र बुलाने पर विचार किया जा रहा था। माना जा रहा था कि सत्र में समान नागरिक संहिता और राज्य आंदोलनकारी और आश्रितों को आरक्षण विधेयक पारित कराए जा सकते हैं। तीन दिसंबर को पांच राज्यों में से तीन हिंदी प्रदेशों मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत से जीत मिली है।
HIGHLIGHTS
- राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधेयक भी होगा पेश
- समान नागरिक संहिता से संबंधित विधेयक सदन में रखने की तैयारी, रिपोर्ट मिलने की प्रतीक्षा
देहरादूनः धामी सरकार अगले माह जनवरी के अंतिम सप्ताह अथवा फरवरी माह के पहले सप्ताह में समान नागरिक संहिता से संबंधित विधेयक पारित कराने के लिए विधानसभा का सत्र बुला सकती है। सत्र को 22 जनवरी को अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद बुलाने पर मंथन किया जा रहा है।
सत्र के दौरान सदन में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए भी विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।
रिपोर्ट मिलने के बाद कदम आगे बढ़ाएगी सरकर
उत्तराखंड देश का दूसरा और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जो समान नागरिक संहिता को क्रियान्वित करेगा। धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की। समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे चुकी है। यद्यपि, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई समिति ने अभी समान नागरिक संहिता पर अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को नहीं सौंपी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार इस संबंध में कदम आगे बढ़ाएगी।
पहले चालू माह दिसंबर में ही विधानसभा का सत्र बुलाने पर विचार किया जा रहा था। माना जा रहा था कि सत्र में समान नागरिक संहिता और राज्य आंदोलनकारी और आश्रितों को आरक्षण विधेयक पारित कराए जा सकते हैं। तीन दिसंबर को पांच राज्यों में से तीन हिंदी प्रदेशों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत से जीत मिली है।
वहीं नौ माह की तैयारी के बाद दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन गत नौ दिसंबर को संपन्न हो चुका है। ऐसे में सरकार भी बदली परिस्थितियों में विधानसभा सत्र के आयोजन की नई तिथियों पर विचार कर रही है। अगले वर्ष लोकसभा चुनाव भी होने हैं। सरकार के स्तर पर अब अगले माह जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के प्रथम सप्ताह में विधानसभा सत्र आहूत करने पर विचार किया जा रहा है।