Friday, November 08, 2024

Uttarkashi Tunnel Collapse: आखिर कैसे बंद हुआ टनल का रास्ता? भूस्खलन घटना के कारणों की गहनता से जांच में जुटी उच्च स्तरीय जांच टीम

उत्तरकाशी़ उत्तराखंड

Uttarkashi Tunnel Collapse सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन घटना के कारणों की गहनता से पड़ताल शुरू हो गई है। भारत सरकार की ओर से भेजी गई उच्च स्तरीय आठ सदस्सीय संयुक्त जांच टीम ने चार दिनों तक सिलक्यारा में डेरा डाले रखा। रॉक बोल्टिंग के रॉक पुलआउट की जांच की कंक्रीट की थिकनेस को जांचा। संयुक्त जांच 11 नवंबर की रात से लेकर 12 नवंबर की सुबह तक घटनाक्रम जानेगी।

HIGHLIGHTS

  1. सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन घटना के कारणों की गहनता से पड़ताल शुरू हो गई है।
  2. सूत्रों के अनुसार इस टीम ने सुरंग में सुरक्षा सपोर्टिंग सिस्टम को भी देखा।

उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन घटना के कारणों की गहनता से पड़ताल शुरू हो गई है। भारत सरकार की ओर से भेजी गई उच्च स्तरीय आठ सदस्सीय संयुक्त जांच टीम ने चार दिनों तक सिलक्यारा में डेरा डाले रखा। सूत्रों के अनुसार इस टीम ने सुरंग में सुरक्षा सपोर्टिंग सिस्टम को भी देखा।

रॉक बोल्टिंग के रॉक पुलआउट की जांच की, कंक्रीट की थिकनेस को जांचा। इसके अलावा सिलक्यारा परियोजना प्रबंधक, निर्माण कंपनी के परियोजना प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों व इंजीनियरों का पक्ष भी संयुक्त जांच टीम ने दर्ज किया है। शुक्रवार की शाम को यह टीम सिलक्यारा से वापस दिल्ली लौट गई है। सूत्रों के अनुसार जो 41 श्रमिक सुरंग के अंदर फंसे थे, उन श्रमिकों से भी संयुक्त जांच 11 नवंबर की रात से लेकर 12 नवंबर की सुबह तक घटनाक्रम जानेगी। इसके लिए अगले 20 दिनों के अंतराल में उन श्रमिकों को एनएचआइडीसीएल दिल्ली बुला सकता है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने कहा कि भारत सरकार से सिलक्यारा सुरंग संबंधी जांच के लिए आई संयुक्त टीम ने आपदा प्रबंधन से अनुमति मांगी थी। परंतु संबंधित टीम से उनकी भेंट नहीं हुई।

सिलक्यारा की ओर कैविटी खुलने के कारण भारी भूस्खलन हुआ

चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर की सुबह साढ़े पांच बजे सिलक्यारा की ओर कैविटी खुलने के कारण भारी भूस्खलन हुआ। जिससे सुरंग का रास्ता पूरी तरह से बंद हुआ। 41 श्रमिक सुरंग के अंदर 17 दिनों तक फंसे रहे। 12 नंवबर से लेकर अभी तक सुरंग का निर्माण कार्य बडकोट और सिलक्यारा की ओर से पूरी तरह से बंद है। 4.531 किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग में करीब 480 मीटर के करीब खुदाई शेष है। सुरंग में हुई घटना के अध्ययन के लिए राज्य सरकार की संयुक्त टीम नवंबर माह के तीसरे सप्ताह सिलक्यारा पहुंची थी। 19 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी घटना की उच्च स्तरीय जांच और सुरक्षा ऑडिट करवाने की बात कही थी। 28 नवंबर को श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू होने के बाद सुरंग में हुई घटना की जांच और कार्यवाही के कयास लगाए जा रहे थे। 12 दिसंबर को भारत सरकार की ओर से गठित संयुक्त टीम सिलक्यारा पहुंची थी। जिसके बाद निर्माण कंपनी नवयुग इंजीनियरिंग और एनएचआइडीसीएल के अधिकारी फोन पर कोई भी बयान देने से बचते दिखे। भले ही सूत्रों ने टीम के आने, जांच करने और वापस लौटने की जानकारी दी है।

जांच टीम में ये अधिकारी शामिल

उत्तरकाशी: भारत सरकार की ओर से गठित बीआरओ के अतिक्ति महानिदेशक आरके धीमान, उत्तरीय रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी संदीप गुप्ता, आइआइटी दिल्ली के सेवानिवृत प्रोफेसर एसके राव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुख्य अभियंता राहुल गुप्ता, दिल्ली टेक्निकल विवि के प्रोफेसर अमित श्रिवास्तव, एनएचआइडीसीएल के तकनीकी निदेशक टीके वैध सहित आठ सदस्य शामिल रहे।