Uttarakhand tunnel collapse नवंबर में करीब एक पखवाड़े तक जिस सिलक्यारा सुरंग के आसपास दिन-रात हलचल रही फिलहाल वहां सन्नाटा पसरा है। भले ही सुरंग में फंसे 41 श्रमिक निकाले जा चुके हैं लेकिन भूस्खलन के बाद से सुरंग के निर्माण पर लगी रोक अभी बरकरार है। सुरंग का निर्माण फिर कब शुरू होगा इसको लेकर भी कोई आधिकारिक रूप से कुछ कहने को तैयार नहीं।
HIGHLIGHTS
- सिलक्यारा सुरंग में हादसे के बाद से ही पसरा सन्नाटा
- सुरंग के निर्माण कार्य पर लगी रोक अभी बरकरार है
- सिलक्यारा सुरंग हादसे की जारी जांच
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में हादसे के बाद से ही सन्नाटा पसरा है। नवंबर में करीब एक पखवाड़े तक जिस सिलक्यारा सुरंग के आसपास दिन-रात हलचल रही, फिलहाल वहां सन्नाटा पसरा है। भले ही सुरंग में फंसे 41 श्रमिक निकाले जा चुके हैं, लेकिन भूस्खलन के बाद से सुरंग के निर्माण पर लगी रोक अभी बरकरार है।
सुरंग का निर्माण फिर कब शुरू होगा, इसको लेकर भी कोई आधिकारिक रूप से कुछ कहने को तैयार नहीं। अधिकारियों का कहना है कि अभी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और केंद्र सरकार की ओर से एनएचआईडीसीएल को निर्माण शुरू करने के आदेश नहीं मिले हैं।
जल्द होगा कैविटी पर काम
हालांकि, गत सप्ताह उच्च स्तरीय जांच टीम के सिलक्यारा से लौटने के बाद यह उम्मीद जरूर की जा रही है कि जनवरी 2024 से सुरंग के अंदर सिलक्यारा की ओर से भूस्खलन क्षेत्र (कैविटी) के उपचार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य को शुरू करने की अनुमति मिल सकती है। यमुनोत्री राजमार्ग पर बन रही चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की सुरंग सिलक्यारा से शुरू होकर पोलगांव (बड़कोट) तक जाती है।
नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी बना रही है सुरंग
सिलक्यारा की तरफ से नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी सुरंग बना रही है, जबकि बड़कोट की ओर से सुरंग निर्माण का जिम्मा गजा कंपनी के पास है। कंपनी के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर एमके शर्मा ने बताया कि बड़कोट की ओर से अभी कार्य शुरू नहीं हुआ है। सिर्फ डी-वॉटरिंग की जा रही है, जो सुरक्षा की दृष्टि से निरंतर किया जाता है। बड़कोट की तरफ से 1700 मीटर सुरंग बनाई जा चुकी है। वहीं, नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारी पहले ही बता चुके हैं कि सिलक्यारा की ओर से सुरंग का निर्माण शुरू करने से पहले कैविटी का उपचार किया जाना है।
हादसे की चल रही है जांच
अभी सुरंग में हुए हादसे की उच्चस्तरीय जांच चल रही है। जांच टीम ने 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक सिलक्यारा में गहनता से जांच की। इसकी विस्तृत रिपोर्ट जनवरी के पहले सप्ताह में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को सौंपी जा सकती है। इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सुरंग का निर्माण फिर शुरू करने को लेकर आदेश जारी कर सकता है। साथ ही एनएचआईडीसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों और निर्माणदायी कंपनी पर कार्रवाई हो सकती है।
दीपावली के दिन हुआ था हादसा
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर निर्माणाधीन 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर की सुबह 5:30 बजे सिलक्यारा की ओर कैविटी खुलने के कारण भारी भूस्खलन हुआ था। इससे सुरंग का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया और 41 श्रमिक 17 दिन अंदर फंसे रहे। 12 नवंबर से लेकर अब तक सुरंग का निर्माण कार्य बड़कोट और सिलक्यारा, दोनों तरफ से पूरी तरह से बंद है। सुरंग में करीब 480 मीटर के करीब खोदाई होनी शेष है।