उत्तराखंड में सुबह और शाम के वक्त ठंड का सितम जारी है। यहां कोहरे का कहर देखने को मिल रहा है। पहाड़ों में सुबह-शाम ठंड हवाएं चल रही हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने मैदानी इलाकों में घने कोहरे को लेकर आरेंज और यलो अलर्ट जारी कर दिया है।
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उत्तराखंड में मौसम का मिजाज अचानक बदलने से लोगों को परेशानी होने लगी है। उत्तराखंड के कई जिलों में सुबह ही धूप खिली तो कई कोहरा छाने से अचानक ठंड बढ़ गई। आज हल्द्वानी, रुद्रपुर, रामनगर, बाजपुर में सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ हैं। वहीं, चंपावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में धूप खिली हुई हैं। मौसम जानकारों के अनुसार, हल्की धूप के साथ अगले एक हफ्ते तक घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। वहीं राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने मैदानी इलाकों में घने कोहरे को लेकर आरेंज और यलो अलर्ट जारी कर दिया है।
शुक्रवार को हल्द्वानी में सर्दी का पहला घना कोहरा छाने से अचानक ठंड बढ़ गई। अंधेरा होने के बाद कोहरा लगातार घना होता गया। 20 मीटर दृश्यता और 85 प्रतिशत आर्दता मापी गई।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ आदि पर्वतीय जिलों में हल्की से हल्की बारिश और बर्फबारी की भी संभावना है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम 9.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं मुक्तेश्वर का 13 और न्यूनतम 4.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
पंतनगर कृषि विवि के मौसम जानकार डॉ. आरके सिंह के अनुसार एक हफ्ते तकघना कोहरा छाया रहने की संभावना है। इधर बारिश नहीं होने से पर्वतीय जिलों में मौसमी फसल पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मुख्य कृषि अधिकारी विकेश यादव ने बताया कि असिंचित क्षेत्रों में फसलों को नुकसान होने की संभावना है। इससे गेहूं, दलहन, तिलहन की फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। दिसंबर में औसतन चार से पांच एमएम ही बारिश हुई है जो नाकाफी है।
कुमाऊं मंडल में देखा जाए तो 172183 हेक्टेयर में गेहूं, 20598 हेक्टेयर में दलहन और 6788 हेक्टेयर में तिलहन का उत्पादन होता है। संयुक्त निदेशक कृषि कुमाऊं मंडल पीके सिंह ने बताया कि शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मंडल के सभी कृषि अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि उन्होंने बताया कि अभी तक नुकसान की सूचना नहीं है। पहाड़ों में ठंड की वजह से अभी खेतों में नमी बनी हुई है।