Sunday, September 08, 2024

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में कड़कड़ाती ठंड के बीच कोहरे का अलर्ट, माइनस में पहुंच गया है तापमान

उत्तराखंड देहरादून

Uttarakhand Weather उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरु हो गई है। पहाड़ की चोटियों पर बर्फबारी का दौर जारी है। मैदानी इलाकों में लगातार ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अब ठंड के साथ-साथ घने कोहरे से लोग परेशान रहेंगे। मौसम विभाग ने इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच पारे में तेजी से गिरावट आने लगी है।

HIGHLIGHTS

  1. उत्तराखंड में लगातार गिर रहा है तापमान
  2. बर्फबारी से सफेद हुए पहाड़

 देहरादून। उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड पड़नी शुरु हो गई है। एक ओर जहां पहाड़ की चोटियों पर बर्फबारी का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर मैदानी इलाकों में तापमान लगातार गिरता जा रहा है। उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच पारे में तेजी से गिरावट आने लगी है। ज्यादातर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई है।

मैदानी इलाकों में घने कोहरे का प्रकोप जारी है। वहीं, दिनभर सर्द हवाएं कंपकंपी छूटा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बना रह सकता है।

कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी

मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। खासकर हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के विभिन्न क्षेत्रों में घना कोहरा छाया रहने के आसार हैं।

यहां माइनस में पहुंचा तापमान

कोस-कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी। यह कहावत सभी ने सुनी है। इस समय मौसम भी कोस-कोस में बदल रहा है। चंपावत जिला मुख्यालय व लोहाघाट के बीच 14 किमी की दूरी है। दोनों स्थानों के बीच तापमान में छह डिग्री से अधिक का अंतर देखने को मिल रहा है। बुधवार को जिला मुख्यालय का तापमान 4.0 डिग्री था, जबकि लोहाघाट में -2.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया। लोहाघाट क्षेत्र में पाला पड़ने की वजह से गलन पैदा करने वाली ठंड पड़ रही है। कुमाऊं मंडल में 22 दिसंबर के बाद से मौसम शुष्क है।

सड़कों पर चूने का छिड़काव हो रहा

नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। रात को पाला पड़ने से सड़कें फिसलन वाली हो गई हैं। हालांकि दिन में धूप ठंड से राहत दे रही है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए नगर के विभिन्न चौराहों पर अलाव जलाए जा रहे हैं। पाले के कारण कई क्षेत्रों में पेयजल लाइनें जमने लगी हैं। लोनिवि व पीएमजीएसवाई की ओर से दुर्घटना से बचाव के लिए सड़कों पर चूने का छिड़काव किया जा रहा है।