Dehradun Gas Leak उत्तराखंड के देहरादून में बड़ा हादसा हुआ। प्रेमनगर स्थित झाझरा में खाली प्लाट में रखे क्लोरीन गैस से भरे सात सिलेंडर में से एक लीक हो गया। गैस रिसाव के चलते क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने मोर्चा संभाला और जल्दी-जल्दी घरों को खाली कराया। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब देहरादून में ऐसी घटना हुई हो।
HIGHLIGHTS
- देहरादून में गैस रिसाव से मचा हड़कंप
- सांस लेने में हो रही दिक्कत से कई लोग बेहोश
- पुलिस ने खाली कराया इलाका
- पहले भी शहर में हो चुकी हैं गैस रिसाव की घटनाएं
देहरादून। उत्तराखंड में बड़ा हादसा हुआ। यहां प्रेमनगर स्थित झाझरा में खाली प्लाट में रखे क्लोरीन गैस से भरे सात सिलेंडर में से एक लीक हो गया। गैस रिसाव के चलते क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने आनन-फानन में आसपास के 100 घरों को खाली करवा कर उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट कराया।
इस दौरान अग्निशमन अधिकारी, जेसीबी चालक व एक स्थानीय महिला गैस के कारण बेहोश हो गए। लीकेज वाले सिलेंडर को पानी व चूने से भरे आठ फीट गहरे गड्ढे में दबाया गया, फिर भी गैस का रिसाव जारी रहा। चारों ओर अफरातफरी के माहौल के बीच लोगों की आंखों में भय साफ दिख रहा था। खैर ऐसा पहली बार नहीं है जब गैस रिसाव हुआ है।
साल 2018 में हुई थी ऐसी घटना
प्रेमनगर में लापरवाही से हुए क्लोरीन गैस रिसाव की घटना शहर में कोई नई नहीं है। इससे पहले 21 फरवरी 2018 को राजपुर रोड स्थित वार्टर वर्कस में क्लोरीन गैस का रिसाव होने से अफरा-तफरी मच गई थी। आनन-फानन में क्लोरीन के सिलेंडर हटाए गए। वर्ष 2017 में भी वाटर वर्कस में क्लोरीन गैस लीक होने से 10 से अधिक लोग बेहोश हो गए थे।
शासन ने दिए थे ये निर्देश
इस घटना का बाद शासन ने निर्देश दिए थे कि पानी के शुद्धिकरण में क्लोरीन के बजाय दूसरे विकल्प का इस्तेमाल किया जाए। वाटर वर्क्स में क्लोरीन गैस के 11 सिलेंडर स्टोर रूम में रखे हुए थे।
पहले भी हुआ है हादसा
वर्ष 2017 में हुए हादसे के बाद क्लोरीन गैस रिसाव के बाद सिलिंडरों को खाली कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद कुछ गैस सिलेंडर में रह जाती है। इन्ही सिलिंडरों में से एक सिलेंडर में गैस रिसाव हुआ। सिलेंडर को पानी में डाल दिया गया। गैस को डिस्पोज करने में पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व जल संस्थानों को कई घंटों लग गए थे।
गैस सिलिंडरों को भी डिस्पोज करना बड़ी चुनौती
झाझरा में लीक हो रहे क्लोरीन से भरे सिलेंडर को डिस्पोज करने में रेस्क्यू टीम के हाथ-पांव फूल गए। अब भी छह सिलिंडर वहां पड़े हैं। यदि सभी भरे होंगे तो उन्हें डिस्पोज करना किसी चुनौती से कम नहीं है। क्योंकि जहां पर यह सिलेंडर रखे हुए हैं, वह आबादी क्षेत्र में है। ऐसे में यदि सिलिंडर हिलाने पर उनकी गैस निकल जाए तो इससे बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।