स्वास्थ्य, शिक्षा व सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अमर उजाला के संपादक अनूप वाजपेयी के साथ राकेश खंडूड़ी, भूपेंद्र राणा, बिशन सिंह बोरा और आफताब अजमत के प्रश्नों के बेबाकी से जवाब दिए। पेश है पांच का पंच के प्रमुख अंश…
विस्तार
उत्तराखंड सरकार राज्य के बुजुर्गों के लिए विशेष स्वास्थ्य योजना लेकर आ रही है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग राज्य के 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को हर 15 दिन में फोन करेगा और उन्हें घर बैठे स्वास्थ्य जांच की सुविधा देगा। 26 जनवरी को सरकार यह योजना लांच करेगी। यह खुलासा प्रदेश के स्वास्थ्य, शिक्षा व सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अमर उजाला के साक्षात्कार पांच के पंच में किया। अमर उजाला कार्यालय पहुंचे डॉ. रावत ने नई शिक्षा नीति, पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौती, अशासकीय स्कूल कॉलेजों में खाली पदों से चरमरा रही शिक्षा व्यवस्था, सहकारिता विभाग में भर्ती में गड़बड़ी, राज्य सरकार की आयुष्मान स्वास्थ्य योजना में प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को कैशलेस इलाज में आने वाली दिक्कतों व मोटी तनख्वाह देने के बावजूद विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जुड़े प्रश्न पूछे।
केंद्र से मंजूरी मिलते ही बालिका सैनिक स्कूल खोलेंगे
सवाल : उत्तराखंड सैन्य बहुल प्रदेश है, महिलाएं भी सेना में जा रही हैं, प्रदेश में महिला सैनिक स्कूल का प्रस्ताव था, यूपी में स्कूल खुल चुका है, लेकिन हमारा प्रस्ताव कहा लटका हुआ है?
जवाब : आप सब लोग जानते हैं, घोड़ाखाल में सैनिक स्कूल है। उसे राज्य सरकार संचालित करती है। सैनिक स्कूल में प्राचार्य सेना का रहता है। स्कूल का खर्च राज्य सरकार वहन करती है। सैनिक स्कूल के लिए हमने चार प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं। इसमें एक पीठसैंण, एक चंपावत, एक ऊधमसिंह नगर और एक हरिद्वार का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार कुछ स्कूल पीपीपी मोड में चलाना चाहती है। बालिका सैनिक स्कूल के लिए हमने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यूपी ने भी इस तरह का प्रस्ताव भेजा है। जैसे ही केंद्र से मंजूरी मिलती है। इस दिशा में आगे काम किया जाएगा।
पहले साल ही स्नातक में नई शिक्षा नीति लागू कर लंबी लकीर खींची
सवाल : राज्य में नई शिक्षा नीति को आधे-अधूरे ढंग से लागू कर दिया गया, ऐसा क्यों?
जवाब : उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया। हमने 5,000 स्कूलों में बाल वाटिका से इस नीति की शुरुआत की। नई शिक्षा नीति को आंगनबाड़ी से लागू करने का मेनडेट है। इसे 2030 तक उच्च शिक्षा तक लागू होना है। पहले साल नीति बाल वाटिका में लागू की गई। अगले वर्ष पहली कक्षा में। चार सालों तक इसे प्राइमरी स्कूलों में लागू करना है। अगले तीन साल में माध्यमिक और फिर दो साल में उच्च शिक्षा में लागू होना है। उत्तराखंड में पहले साल में ही स्नातक में लागू करके हमने बड़ी लकीर खींची, इसलिए यह आधा अधूरा दिख रहा है। हम इसे चरणबद्ध ढंग से पीजी व रिसर्च स्कॉलर्स तक ले जाएंगे।