राममंदिर निर्माण के साथ ही भगवान राम के बारे में जानने की उत्सुकता भी लोगों में बढ़ गई है। स्थिति यह है कि राजधानी देहरादून में श्रीरामचरितमानस की खूब खरीदारी हो रही है। वहीं बाजार में तुलसी की माला के स्टॉक खत्म हो गए।
विस्तार
अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का खुमार देशभर में चढ़ा है। उत्सव की तमाम तरह की तैयारियों के साथ ही धर्मग्रंथों की खरीदारी का भी क्रेज बढ़ा है। खासकर श्रीरामचरितमान की खरीदारी में सबसे ज्यादा उछाल है। दूनवासियों ने डेढ़ महीने में ही इसकी ढाई से अधिक प्रतियों को अपना बना लिया है।
राममंदिर के निर्माण के साथ ही भगवान राम के इतिहास और उनके कार्यों को जानने की उत्सुकता बढ़ी है। इसमें युवा पीढ़ी भी दिलचस्पी दिखा रहा है। लोग व्यक्तिगत पढ़ने के लिए इन किताबों को तो ले ही रहे हैं साथ ही एक-दूसरे को गिफ्ट भी कर रहे हैं। इनमें श्रीरामचरितमानस के साथ ही हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और श्रीमद्भगवद्गीता की पुस्तकें व महाकाव्य शामिल हैं।
बाजार में श्रीरामचरितमानस की प्रति 100 से 2000 हजार रुपये तक में उपलब्ध है। विष्णु पुराण 900 से 2500, श्रीमद्भगवद्गीता 2500 तक व हनुमान चालीसा की पुस्तकें 10 से 100 रुपये तक में मिल रही हैं।