Sunday, September 08, 2024

उत्तराखंड के चारधाम के शीतकालीन गद्दीस्थलों में भी राम नाम की धूम, फूल माला और रंग-बिरंगी रोशनी से हुआ शृंगार

उत्तराखंड देहरादून

Ayodhya Ram Mandir शीतकाल के लिए चारों धाम के कपाट बंद होने के बाद छह महीने तक भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमश उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमठ) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।

HIGHLIGHTS

  1. उत्तराखंड के चारधाम के शीतकालीन गद्दीस्थलों में भी मनाया गया दीपोत्सव
  2. गद्दीस्थलों का फूल माला और रंग-बिरंगी रोशनी से हुआ शृंगार
  3. मंदिर में दीपों की शृंखला प्रज्ज्वलित कर की गई विशेष पूजा-अर्चना

 Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमित्त उत्तराखंड में चारों धाम के शीतकालीन गद्दीस्थलों में भी दीपोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर चारों गद्दीस्थलों का फूल माला और रंग-बिरंगी रोशनी से शृंगार किया गया। मंदिर में दीपों की शृंखला प्रज्ज्वलित की गई। साथ ही विशेष पूजा, भजन-कीर्तन व सुंदरकांड का पाठ हुआ और रामनाम गूंजा।

शीतकाल के लिए चारों धाम के कपाट बंद होने के बाद छह महीने तक भगवान बदरी विशाल की पूजा चमोली जिले में स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर व नृसिंह मंदिर जोशीमठ, बाबा केदार की पूजा रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मां गंगा व देवी यमुना की पूजा क्रमश: उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगा मंदिर मुखवा (मुखीमठ) और यमुना मंदिर खरसाली (खुशीमठ) में होती है।

शीतकालीन गद्दीस्थलों पर भी मनाया गया उत्सव

सोमवार को अयोध्या में जब भगवान राम अपने धाम में विराजे तो इन शीतकालीन गद्दीस्थलों में भी उत्सव मनाया गया। योग-ध्यान बदरी मंदिर में भगवान नारायण के प्रतिनिधि के रूप में उनके बालसखा उद्धवजी व देवताओं के खजांची कुबेरजी और नृसिंह मंदिर में आदि शंकराचार्य की गद्दी व भगवान के वाहन गरुड़जी की विशेष पूजा हुई।

बीकेटीसी ने नृसिंह मंदिर, योग बदरी मंदिर सहित अधीनस्थ मंदिरों में भजन-कीर्तन, अखंड रामायण व सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी किया।

नृसिंह मंदिर से जोशीमठ बाजार तक श्रीराम दरबार की शोभायात्रा

नृसिंह मंदिर से जोशीमठ बाजार तक श्रीराम दरबार की शोभायात्रा भी निकाली गई। कार्यक्रम में शामिल हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सभी राम भक्तों को बधाई देते हुए कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सौभाग्य का विषय है।

नृसिंह मंदिर में श्रद्धालुओं ने प्रोजेक्टर के माध्यम से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सजीव प्रसारण देखा। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, भाजपा नेता सुभाष डिमरी, पूर्व प्रमुख नंदन बिष्ट, व्यापार सभा अध्यक्ष माधव प्रसाद सेमवाल आदि मौजूद रहे।

ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना की गई। यहां भी बीकेटीसी ने अखंड रामायण व सुंदरकांड पाठ के साथ भजन-कीर्तन का आयोजन किया। साथ ही एलईडी पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सजीव प्रसारण देखा गया। इसके अलावा विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, त्रियुगीनारायण मंदिर, सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में भी अखंड रामायण व सुंदरकांड पाठ और भजन-कीर्तन के साथ विशेष पूजा-अर्चना की गई।

ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष आशा नौटियाल, बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, नगर पंचायत पूर्व अध्यक्ष विजय राणा, पुजारी शिवलिंग, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी कुलदीप धर्म्वाण आदि मौजूद रहे।

मुखवा में सुबह मां गंगा की पूजा के बाद भव्य आरती और गंगा लहरी पाठ हुआ। शाम को आरती के बाद दीपोत्सव मनाया गया। मुखवा में निवासरत ग्रामीणों ने भी घर में दीये जलाए। खरसाली में तीर्थ पुरोहित अरुण उनियाल और नरेश उनियाल ने देवी यमुना का अभिषेक किया। तत्पश्चात श्रीराम का अभिषेक व हवन और फिर संकीर्तन हुआ। दोपहर में ग्रामीणों ने स्वच्छता अभियान चलाया। देर शाम यमुना मंदिर, शनि मंदिर, मां राजराजेश्वरी मंदिर, भूतेश्वर महादेव मंदिर, धड़ी चौरी में दीपोत्सव मनाया गया।

केदारनाथ में बर्फ की शिला पर भगवान राम की पूजा

केदारनाथ धाम में संतों ने बर्फ की शिला पर भगवान राम को विराजमान कर पूजन किया। यहां ललित महाराज के आश्रम में बर्फ की शिला पर भगवान राम की प्रतिमा लगाई गई और फिर उसकी पूजा-अर्चना की गई। सुबह ही संतों ने सुंदरकांड पाठ और भजन-कीर्तन शुरू कर दिया था, जो प्राण प्रतिष्ठा तक जारी रहा। बदरीनाथ धाम में आइटीबीपी जवानों, कर्मचारियों और साधु-संतों ने मंदिर के सिंहद्वार पर दीपक जलाए और भजन-कीर्तन किया।