Economic Survey Report: 2001 के मुकाबले सभी जिलों की प्रति व्यक्ति आय करीब दोगुनी हुई है। राज्य की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, वानिकी एवं लठ्ठा बनाना, मत्स्य पालन, खनन एवं उत्खनन) में सहयोग के क्षेत्र में 5408 करोड़ के साथ ऊधमसिंह नगर सबसे ऊपर है।
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प्रदेश में हरिद्वार की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है। जबकि राज्य की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र के योगदान के मामले में ऊधमसिंह नगर, द्वितीयक क्षेत्र में हरिद्वार, तृतीयक क्षेत्र में देहरादून पहले पायदान पर है।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,05,246 रुपये है। इसके सापेक्ष जिलावार देखें तो हरिद्वार की प्रति व्यक्ति आय 3,62,688 रुपये, ऊधमसिंह नगर की 2,69,070 रुपये, देहरादून की 2,35,707 रुपये है। पर्वतीय जिलों की बात करें तो नैनीताल जिले की 1,90,627, चंपावत की 1,16,136, अल्मोड़ा की 1,00,844, बागेश्वर की 98,755, पिथौरागढ़ की 1,18,678, पौड़ी की 1,08,640, टिहरी की 1,03,345, रुद्रप्रयाग की 93,160, चमोली की 1,27,330 और उत्तरकाशी की 1,07,281 रुपये है। वर्ष 2001 के सापेक्ष देखें तो सभी जिलों की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी तक हो गई है।
प्राथमिक क्षेत्र में ऊधमसिंह नगर की सहभागिता सबसे ज्यादा
राज्य की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, वानिकी एवं लठ्ठा बनाना, मत्स्य पालन, खनन एवं उत्खनन) में सहयोग के क्षेत्र में 5408 करोड़ के साथ ऊधमसिंह नगर सबसे ऊपर है। इसके बाद 5388 करोड़ के साथ हरिद्वार दूसरे, 3805 करोड़ के साथ देहरादून तीसरे स्थान पर है। प्राथमिक क्षेत्र में नैनीताल चौथे, अल्मोड़ा पांचवें, पौड़ी छठे, पिथौरागढ़ सातवें, टिहरी आठवें, चमोली 9वें, उत्तरकाशी 10वें, बागेश्वर 11वें, चंपावत 12वें और रुद्रप्रयाग 13वें पायदान पर है।