Clean Mobility Transition Policy: राजधानी देहरादून समेत पूरे प्रदेश में स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति लागू करने के लिए शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया गया।
विस्तार
दूसरे राज्यों से आने वाले डीजल वाहनों को अब उत्तराखंड में प्रवेश करते ही फास्टैग के माध्यम से ग्रीन एंट्री सेस देना होगा। राज्य सरकार इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ करार करने जा रही है।
राजधानी देहरादून समेत पूरे प्रदेश में स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति लागू करने के लिए शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया गया। देहरादून में सबसे पहले डीजल सार्वजनिक यात्री वाहनों को हटाकर सीएनजी-इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए अनुदान मिलेगा। जल्द ही पूरे प्रदेश में यह प्रक्रिया शुरू होगी।
बृहस्पतिवार को कैबिनेट ने स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति को मंजूरी देकर सार्वजनिक डीजल यात्री वाहनों के बदले सीएनजी-इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहन अनुदान राशि देने का फैसला लिया। इसमें प्रोत्साहन योजना के सभी बिंदुओं को स्पष्ट किया गया। बताया गया कि स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति को परिवहन विभाग की ओर से वित्त पोषित किया जाएगा।
परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि राज्य में पहले ही वाहनों के पंजीकरण के समय ग्रीन सेस लिया जाता है। अब बाहर से आने वाले डीजल वाहनों से फास्टैग के माध्यम से ग्रीन एंट्री सेस वसूल किया जाएगा। ग्रीन सेस और ग्रीन एंट्री सेस से अनुदान राशि का वितरण करने की योजना है। प्रोत्साहन राशि में जितनी भी धनराशि कम पड़ेगी, वह राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी।