सार
Uttarakhand News: पुणे पुलिस को हारिस के बारे में पता चला तो वहां उसके खिलाफ यूएपीए की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसकी जांच एनआईए ने शुरू की तो उसके खिलाफ एनआईए ने भी मुकदमा दर्ज किया।
विस्तार
आईएसआईएस का एजेंट हारिस फारुकी बीते डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से देशभर में धमाकों के लिए जगह की तलाश कर रहा था। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ था कि उसने पाकिस्तान के एक कैंप में आईईडी धमाकों की ट्रेनिंग भी ली थी। बताया जा रहा है कि इसके लिए वह जुलाई 2023 में देहरादून भी आया था। उसके कई साथी देश के अलग-अलग हिस्सों में पकड़े गए, जिनसे नए-नए खुलासे हुए। उसके खिलाफ महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मुकदमे दर्ज हुए। उस पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनाम भी घोषित किया था।
दरअसल, पुणे पुलिस को हारिस के बारे में पता चला तो वहां उसके खिलाफ यूएपीए की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसकी जांच एनआईए ने शुरू की तो उसके खिलाफ एनआईए ने भी मुकदमा दर्ज किया। उसके बारे में कई तरह के खुलासे हुए। इस बीच पिछले साल दिल्ली की स्पेशल सेल ने कुछ आईएस की विचारधारा से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया तो उसमें भी हारिस का नाम सामने आया। इस पर दिल्ली पुलिस ने भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मगर, वह दिल्ली पुलिस के भी हाथ नहीं लगा। इस बीच दिसंबर 2023 में पुणे पुलिस उसकी जांच करते हुए उत्तर प्रदेश पहुंची।
यहां पर अक्तूबर 2023 में भी पुणे पुलिस ने उसके कई साथियों को दबोचा। इसके बाद यूपी एटीएस की जांच के बाद उत्तर प्रदेश में भी हारिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एनआईए को उसकी जांच के बाद सबसे बड़ी चिंता देश में किसी अनहोनी की हो रही थी। एनआईए को इस बात का पता चल चुका था कि वह पाकिस्तान के ट्रेनिंग कैंप में आईईडी धमाकों की ट्रेनिंग कर चुका है। देश में राम मंदिर को लेकर तमाम कार्यक्रम हो रहे थे। बताया जा रहा था कि इसी को लेकर उसने भी कोई षड्यंत्र रचा था। इसके लिए वह जुलाई 2023 में देहरादून भी आया था। लेकिन, इसकी किसी को भनक नहीं लगी। हालांकि, इस बीच उसने अपने परिवार वालों से संपर्क नहीं किया था। बताया जा रहा है कि वह देहरादून में भी धमाके करने के लिए जगह की तलाश में ही आया था।