अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भाजपा से दो बार के सांसद अजय टम्टा फिर से चुनावी मैदान में हैं। पांच साल पहले जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने सुनोली गांव को गोद लिया। लेकिन इतने सालों में ना सांसद गांव पहुंचे और ना ही मूलभूत सुविधा उन्हें मिली।
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लोकसभा चुनाव के लिए मैदान सज चुका है और राजनीतिक लड़ाई शुरू हो चुकी है। संसद पहुंचने की चाहत में सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी पूरी जोर आजमाईश कर रहे हैं। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भाजपा से दो बार के सांसद अजय टम्टा फिर से चुनावी मैदान में हैं। पांच साल पहले जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने विकास के जरिए गांव का कायाकल्प करने के दावे कर ताकुला विकासखंड के स्वतंत्रता सेनानी सोबन सिंह जीना के पैतृक गांव सुनोली को गोद लिया। गांव की 1450 की आबादी को उम्मीद थी कि सांसद की नजर हमारे गांव पर पड़ने के बाद यहां विकास की बयार बहेगी और उन्हें तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
विकास के नाम पर इन पांच सालों में डेढ़ करोड़ रुपये भी खर्च हुए, लेकिन यह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है और इसकी तस्वीर पहले की तरह है। हैरानी तब होती है जब ग्रामीण कहते हैं कि गोद लेने के बाद सांसद एक बार भी गांव नहीं पहुंचे समस्याएं सुनना-और समझना तो दूर की बात है। सांसद के गोद लिए गांव की ग्राउंड रिपोर्ट…