Friday, November 08, 2024

Weather Effect: सावधान! कहीं आप भी न पहुंच जाएं हॉस्पिटल, इन दिनों दून अस्पताल में ओपीडी 2300 के पार

उत्तराखंड देहरादून

तीन दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को खुले सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की ओपीडी में 2360 मरीज पहुंचे। जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा दो हजार के आसपास रहता है। इधर जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में भी मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई।

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 देहरादून। तीन दिन की छुट्टी के बाद सोमवार को खुले सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल, दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की ओपीडी में 2,360 मरीज पहुंचे। जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा दो हजार के आसपास रहता है। इधर, जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में भी मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई।

दरअसल, शुक्रवार को गुड फ्राइडे व शनिवार को झंडा मेला का अवकाश था। ऐसे में दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में ओपीडी आधा दिन ही चली। जबकि जिला अस्पताल, उप जिला चिकित्सालय और पीएचसी-सीएचसी में चिकित्सकों ने पीएमएचएस के आह्वान पर सार्वजनिक अवकाश पर ओपीडी नहीं की। इसके बाद रविवार की छुट्टी हो गई। तीन दिन की छुट्टी और सप्ताह का पहला दिन होने के कारण सोमवार को ओपीडी में अत्याधिक भीड़ रही।

पंजीकरण व बिलिंग काउंटर और सभी प्रमुख ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) में सुबह से ही मरीजों की लंबी कतार लगी रही। मरीजों का यह दबाव जांच, दवा काउंटर तक पर दिखाई दिया। ओपीडी में भीढ़ बढ़ने के कारण मरीजों को कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। उन्हें चिकित्सीय परामर्श से लेकर जांच व दवा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। इसी वजह से कई बार मरीजों के बीच कहासुनी भी हुई।

हालांकि, सुरक्षाकर्मियों की मुस्तैदी के कारण स्थिति नियंत्रण में रही। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल का कहना है कि शुक्रवार व शनिवार को ओपीडी आधा दिन चली। इसके बाद रविवार की छुट्टी हो गई। सोमवार को सप्ताह का पहला दिन होने के कारण वैसे भी भीड़ रहती है। इसके अलावा बदलते मौसम में लोग बीमार भी पड़ रहे हैं। यही तमाम कारण हैं कि ओपीडी में मरीज ज्यादा पहुंचे।

अल्ट्रासाउंड के लिए दो दिन बाद की तारीख

अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मौसम में बदलाव के कारण लोग वायरल समेत तमाम अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में आ रहे हैं। मरीजों के अत्याधिक दबाव के कारण जांच में भी मुश्किल आ रही है। सबसे ज्यादा समस्या अल्ट्रासाउंड को लेकर है। सोमवार को भीड़ ज्यादा होने के कारण कई मरीजों को बिना अल्ट्रासाउंड ही वापस लौटना पड़ा। उन्हें बुधवार की तारीख दी गई है।

बता दें, अस्पताल में फिलहाल चार रेडियोलाजिस्ट हैं। इनमें एक ओपीडी, एक आइपीडी और एक गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड करते हैं। जबकि एक रेडियोलाजिस्ट के पास एनएमसी सहित अन्य काम हैं। ओपीडी में गर्भवती महिलाओं से इतर हर दिन तकरीबन 55-60 अल्ट्रासाउंड होते हैं, लेकिन सोमवार को अल्ट्रासाउंड के लिए भी मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। इनमें कुछ को मंगलवार और कुछ को बुधवार की तारीख देनी पड़ी। जिससे क्षुब्ध कुछ मरीजों की स्टाफ से कहासुनी भी हुई।

बाल रोग विभाग के एक चिकित्सक ने छोड़ी नौकरी

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में चिकित्सकों के नौकरी छोड़ने का क्रम जारी है। अब बाल रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. राजन मोहन ने इस्तीफा दे दिया है। इसके पीछे उन्होंने व्यक्तिगत कारण बताया है। बता दें, कम वेतन, काम के अत्याधिक दबाव व अन्य कारणों से दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के कई चिकित्सक नौकरी को अलविदा कह चके हैं। कई चिकित्सक निजी मेडिकल कालेजों में ज्वाइन कर चुके हैं। जबकि कुछ ने अपना क्लीनिक खोल दिया है।

मेडिसिन के विभागाध्यक्ष बने डा. केसी पंत

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डा. केसी पंत को मेडिसिन का विभागाध्यक्ष बनाया गया है। उनसे पहले डा. नारायणजीत विभागाध्यक्ष थे, जिन्होंने अभी कुछ दिन पहले नौकरी छोड़ दी थी। उनके जाने के बाद से ही विभागाध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। अब डा. पंत को यह जिम्मेदारी दी गई है।

गायनी की ओपीडी शिफ्ट

दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में गायनी की ओपीडी प्रथम तल पर शिफ्ट कर दी गई है। हालांकि, अल्ट्रासाउंड अभी भूतल पर ही किए जा रहे हैं। इसके अलावा न्यूरो व यूरोलाजी की ओपीडी को भी नई व्यवस्था में लाने में अभी कुछ दिन और लगेंगे। उप चिकित्सा अधीक्षक डा धनंजय डोभाल ने बताया कि आन्कोलाजी विभाग की ओपीडी भूतल पर शिफ्ट की जानी है। जिसके बाद गर्भवतियों के अल्ट्रासाउंड प्रथम तल पर हो पाएंगे। इसके अलावा न्यूरो व यूरोलाजी की ओपीडी में कुछेक काम बाकी हैं। एकाध दिन में चीजें व्यवस्थित हो जाएंगी।