Dehradun Crime पांच जुलाई 2022 को 16 वर्षीय किशोर की मां ने वसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया। न्यायालय अपर जिला एवं सेशन जज फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पोक्सो) पंकज तोमर की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपित को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया है। कांस्टेबल महेंद्र सिंह नेगी की पैरवी के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
HIGHLIGHTS
- बेटी को भी दिया जन्म, डीएनए मिलान में निकली भतीजे की, सजा दिलाने में बना मजबूत साक्ष्य
- अदालत ने दोषी पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया, किशोर की मां ने कराया था मुकदमा दर्ज
जागरण संवाददाता, देहरादून: Dehradun Crime: विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने 16 साल के भतीजे से यौन संबंध बनाने की आरोपित सौतेली बुआ को दोषी पाते हुए 20 साल के कारावास का आदेश दिया है। कोर्ट ने दोषी महिला पर दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
महिला पति से विवाद होने के बाद मायके में रह रही थी। यहीं उसने भतीजे के साथ संबंध बनाए। जिसके बाद उसने बच्ची को जन्म दिया जो डीएनए मिलान में भतीजे की निकली। कोर्ट ने इस मामले को विकृत कामुकता मानते हुए निर्णय सुनाया।
16 वर्षीय बेटे से संबंध बनाए
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा के अनुसार, पांच जुलाई 2022 को 16 वर्षीय किशोर की मां ने वसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि उनकी ननद पति से झगड़ा होने के चलते छह माह से मायके में उनके साथ रह रही है। उसने उनके 16 वर्षीय बेटे से संबंध बनाए हैं। कुछ दिन पहले वह बेटे को लेकर लापता हो गई थी। वापस लौटी तो वह गर्भवती थी।
पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपित बुआ को नौ जुलाई को 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेजा। गर्भवती होने के चलते उसे दो जनवरी 2023 को कोर्ट से जमानत मिली। इसके बाद उसने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची की डीएनए जांच कराई तो वह पीड़ित किशोर से मिला। कोर्ट में किशोर आरोप से पलट गया। उसने कहा कि बुआ के साथ उसने सहमति से संबंध बनाए थे।
हालांकि, इसमें पीड़ित किशोर था और बुआ उससे कई साल बड़ी थी। ऐसे में कोर्ट ने डीएनए जांच रिपोर्ट और उम्र के आधार पर घटनाक्रम को किशोर पर लैंगिक हमला माना। इसके तहत महिला को दोषी पाया गया और बीस साल कारावास का फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने महिला को जेल भेज दिया। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने छह गवाह और 14 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए।
नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 वर्ष की कैद
न्यायालय अपर जिला एवं सेशन जज फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पोक्सो) पंकज तोमर की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपित को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया है। जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार के अनुसार, आठ सितंबर 2021 को एक व्यक्ति ने रायपुर थाने में तहरीर दी कि उनकी नाबालिग बेटी पांच सितंबर को घर से पलटन बाजार के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी।
पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नाबालिग की तलाश शुरू की। 11 सितंबर 2021 को पुलिस ने आरोपित नरेंद्र थापा उर्फ रिंकू निवासी शांति विहार, रायपुर को गिरफ्तार कर अपहृत किशोरी को बरामद किया। 27 सितंबर को मजिस्ट्रेटी बयान में पीड़िता ने बताया कि वह रिंकू के साथ ही पलटन बाजार में काम करती है। पांच सितंबर को दोनों घर से बिना बताए हरिद्वार चले गए।
वहां दो-तीन दिन धर्मशाला में रुके। इसके बाद वह ऋषिकेश चले गए, जहां होटल में रुके। वहां रिंकू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह दोबारा हरिद्वार चले गए, जहां रुपये खत्म होने के बाद दोनों रेलवे स्टेशन पर बैठे थे। तभी उन्हें चाइल्ड केयर टीम ने देखा और रायपुर थाने लेकर आई। रायपुर थाने के कांस्टेबल महेंद्र सिंह नेगी की पैरवी के बाद कोर्ट ने केस पर फैसला सुनाया।