उत्तराखंड के एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की हेलंग स्थित पावर हाउस साइट पर सोमवार को अचानक अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे वहां बनाए गए कच्चे तटबंध बह गए और एक दर्जन से अधिक श्रमिकों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचाई। नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरक्षा निर्माण कार्यों के साथ ही संबंधित कंपनी की मशीनों व अन्य सामान को भी नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड के एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की हेलंग स्थित पावर हाउस साइट पर सोमवार को अचानक अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे वहां बनाए गए कच्चे तटबंध बह गए और एक दर्जन से अधिक श्रमिकों ने समय रहते भागकर अपनी जान बचाई।
नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरक्षा निर्माण कार्यों के साथ ही संबंधित कंपनी की मशीनों व अन्य सामान को भी नुकसान पहुंचा है। नदी के जलस्तर में वृद्धि सीमांत नीती व माणा घाटी में वर्षा होने के कारण हुई
520 मेगावाट की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के हेलंग अणिमठ पावर हाउस के ठीक नीचे अलकनंदा नदी तट पर एनटीपीसी सुरक्षा दीवार का निर्माण करा रही है। पावर हाउस के नीचे भू-कटाव न हो, इसके लिए कच्चे तटबंध भी बनाए गए हैं। ताकि नदी के तेज बहाव से आरसीसी दीवार को नुकसान न हो।
सोमवार को सीमावर्ती नीती व माणा घाटी में वर्षा होने से अलकनंदा व धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ गया। इससे परियोजना के कच्चे तटबंध बह गए और अलकनंदा तट की निर्माण साइट पर कंपनी की मशीन भी नदी में डूब गईं। हालांकि, जेसीबी पोकलैंड मशीनों को समय पर किनारे कर दिया गया था।
एनटीपीसी के प्रबंधक मानव संसाधन राजेंद्र जयाड़ा ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ने से कच्चे तटबंध बहे हैं। कंपनी की कुछ मशीन व अन्य सामान को भी क्षति पहुंची है। वहीं, चमोली के पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। निर्माण कार्य में लगे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं।