उत्तराखंड हाईकोर्ट ने व्यापक जनहित को आधार मानकर नैनीताल से हाईकोर्ट को शिफ्ट किया जाना आवश्यक बताया है। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से एक माह के भीतर हाईकोर्ट के लिये उचित स्थान बताने को कहा है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने व्यापक जनहित को आधार मानकर नैनीताल से हाईकोर्ट को शिफ्ट किया जाना आवश्यक बताया है। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से एक माह के भीतर हाईकोर्ट के लिये उचित स्थान बताने को कहा है। साथ ही रजिस्ट्रार जनरल हाइकोर्ट को निर्देश निर्देश दिए हैं कि वे एक पोर्टल बनाएं जिसमें अधिवक्ताओं व जनसामान्य के सुझाव लिए जाएं कि वे नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने के पक्ष में हैं या नहीं। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रितू बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जारी किए हैं।
आदेश में कहा गया है कि गौलापार में जहां हाईकोर्ट के लिये जगह चिंहित है वहां 75 फीसदी वन भूमि है और घना जंगल है वहां पेड़ काटने के बाद हाईकोर्ट की स्थापना उचित नहीं है। हाईकोर्ट इसके पक्ष में नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि नैनीताल में वादकारियों और युवा अधिवक्ताओं को होने वाली कठिनाइयों, चिकित्सा सुविधाओं और कनेक्टिविटी की कमी के अलावा कोर्ट में 75 प्रतिशत से अधिक मामलों में राज्य सरकार के पक्षकार होने और अधिकारियों, कर्मचारियों के नैनीताल हाईकोर्ट आने में टीए व डीए में होने वाले खर्च को देखते हुए उच्च न्यायालय को नैनीताल से स्थानांतरित करना आवश्यक है। इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई के लिए 25 जून की तिथि नियत की है।
मुख्य सचिव 7 जून 2024 तक अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपें
8 मई को आईडीपीएल ऋषिकेश से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव, उत्तराखंड राधा रतूड़ी व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आर के सुधांशु वीसी के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित हुए थे। जिन्हें हाईकोर्ट ने नैनीताल से कोर्ट शिफ्ट करने की सूचना दी थी और उसी दिन दोपहर बाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व अधिवक्ताओं का पक्ष भी सुना गया।
उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए हाईकोर्ट को नैनीताल से स्थानांतरित करने के मुद्दे को शीघ्र निपटाने के लिए हाईकोर्ट ने एक प्रक्रिया तैयार की है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार को उच्च न्यायालय की स्थापना, न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए आवासीय आवास, कोर्ट रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल, कम से कम सात हजार वकीलों के लिए चैंबर, कैंटीन, पार्किंग स्थल के लिए सबसे उपयुक्त भूमि का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। जहां अच्छी चिकित्सा सुविधाएं और अच्छी कनेक्टिविटी हो। यह पूरी प्रक्रिया मुख्य सचिव द्वारा एक माह के भीतर पूरी की जाएगी और मुख्य सचिव 7 जून 2024 तक अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपेंगे।